scriptवर्दी में बच्चों से पूछताछ पर हलफनामा दायर करने का आदेश | Karnataka HC Seeks Police Response On Interrogation Of Kids In Bidar | Patrika News

वर्दी में बच्चों से पूछताछ पर हलफनामा दायर करने का आदेश

locationबैंगलोरPublished: Mar 10, 2020 10:57:37 am

Submitted by:

Rajeev Mishra

बीदर शाहीन स्कूल मामले में कर्नाटक हाइकोर्ट में सुनवाई

वर्दी में बच्चों से पूछताछ पर हलफनामा दायर करने का आदेश

वर्दी में बच्चों से पूछताछ पर हलफनामा दायर करने का आदेश

बेंगलूरु.
कर्नाटक हाइकोर्ट ने बीदर शाहीन स्कूल देशद्रोह मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों से कहा है कि बच्चों से वर्दी में पूछताछ से जुड़ी अदालत में पेश तस्वीरों के मुद्दे पर व्यक्तिगत हलफनामा दायर करें।
दरअसल, स्कूल के बच्चों की काउंसलिंग करते हुए पुलिस अधिकारी वर्दी में कुछ दूरी पर मौजूद थे। इसी तस्वीर पर अदालत ने मामले के जांच अधिकारी से हलफनामा मांगा है। हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अभय ओक और जस्टिस अशोक एस.किनगी की खंडपीठ ने मौखिक रूप से उल्लेख किया कि ‘पुलिस कर्मी वर्दी में नजर आ रहे हैं। चार पुलिसकर्मी वहां वर्दी में मौजूद देखे जा सकते हैं।Ó महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवडगी ने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम २०१५ के अनुसार बच्चों से बातचीत करने वाला पुलिस अधिकारी वर्दी में नहीं रहेगा। इसलिए जो अधिकारी बच्चों की काउंसिलिंग कर रहा था वह सादे कपड़े में था। वीडियोग्राफर वर्दी में था लेकिन उसे किस लहजे में बर्दी बदलने को कहा गया यह अदालत में दाखिल आपत्ति पत्र में दर्ज है। याचिकाकर्ता राई को पहाड़ बना रहे हैं।Ó इसके बाद अदालत ने याचिकाकर्ता से रंगीन तस्वीरें उपलब्ध कराने को कहा।
बेंच ने कहा ‘अंतत: हमारी बात बच्चों से हो रही है और यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी पुलिस अधिकारी आसपास वर्दी में नहीं रहे।Ó इसपर नवडगी ने कहा कि ‘हम तस्वीरें देखेंगे।Ó याचिका नयना ज्योति झावर और मानवाधिकार आयोग का दक्षिण भारतीय सेल ने इस संदर्भ में याचिका दायर की है। इस मामले में अगली सुनवाई अब 26 मार्च को होगी।
दरअसल, जब स्कूली बच्चों की 28 जनवरी, 3 और 4 मार्च को काउंसलिंग की जा रही थी उस वक्त कुछ पुलिसकर्मी वर्दी में मौजूद नजर आए। गौरतलब है कि कि 21 जनवरी को बीदर के शाहीन प्राइमरी और हाई स्कूल में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ बच्चों ने एक नाटक मंचन किया था। इसको लेकर एक शिकायतकर्ता ने कहा था कि सीएए के विरोध में किए गए नाटक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपमानित किया गया और यह समाज में शांति को भंग करने वाला नाटक था। पुलिस देशद्रोह का मामला दर्ज किया है।
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