हर महीने हो नियमित जांच
डॉ. नागराज ने बताया कि ग्रामीण इलाकों के कोविड मरीजों को स्वस्थ होने के बाद की समस्याओं से अवगत कराना जरूरी है। हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को चाहिए कि कोविड से उबरे मरीजों का महीने में कम-से-कम एक बार स्वास्थ्य जांच करे। हृदय और स्ट्रोक की समस्याओं सहित इन्हें मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए भी जांचना जरूरी है।
जोड़ों का दर्द भी आम समस्या
विक्टोरिया सरकारी अस्पताल के डॉ. चंद्रशेखर ने बताया कि ऐसे मरीजों में जोड़ों का दर्द भी आम समस्या है। मरीजों की संख्या बढ़ी है। कोविड के कारण नौकरी खोने के कारण भी कई लोग मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। गुस्सा, तनाव, अवसार, चिड़चिड़ापन और पारिवारकि रिश्तों में घटास आम बात हो गई है। कोविड के दुष्प्रभावों पर राजीव गांधी यूनिवर्सिर्टी ऑफ हेल्थ साइंसेस के साथ मिलकर एक अध्ययन करेंगे।
हृदय पर नजर जरूरी
जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्क्यूलर एंड रिसर्च साइंसेस के निदेशक डॉ. सी. एन. के अनुसार कोविड के बाद लोग हृदय की बीमारियों का सामना कर रहे हैं। कई मरीजों में मधुमेह की समस्या देखी गई है। पहले से मधुमेह से जूझ रहे मरीजों का मधुमेह अनियंत्रित हो गया है। लंग फाइब्रोसिस दूसरी चिंताजनक समस्या है। इन सभी का प्रभाव हृदय पर पड़ता है। मरीजों को नियमित जांच करानी चाहिए।