एशिया के सबसे बड़े सार्वजनिक रक्षा उïद्यम एचएएल के प्रबंधन की ओर से न्यायालय का आदेश साझा करते हुए कहा गया एचएइए के लिए अब यह अनिवार्य हो गया है कि वह अपनी हड़ताल समाप्त करे और वापस काम पर लौटें। अगर एचएइए ऐसा करने में विफल रहा तो यह अदालत की अवमानना होगी। एचएएल में हड़ताल से थल सेना, वायु सेना और नौ सेना के लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों के उत्पादन एवं रखरखाव प्रभावित होने का खतरा मंडरा रहा था।
वेतन पुनरीक्षण की मांग को लेकर एचएइए और उसके सदस्य 14 अक्टूबर से हड़ताल पर हैं। हालांकि एचएएल प्रबंधन ने हड़ताल को पहले दिन ही ‘अवैध’ करार दिया था। साथ ही हड़ताल समाप्त कराने संबंधी आदेश देने के लिए प्रबंधन की ओर से कर्नाटक उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा गया था कि यूनियन को औद्योगिक विवाद अधिनियम के तहत हड़ताल पर जाने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। न्यायालय ने प्रबंधन के तर्क को स्वीकारते हुए एचएइए को हड़ताल समाप्त करने का आदेश दिया।