script

जिप लॉक बैग की कमी से जूझ रहे ज्यादातर अस्पताल, शव प्रबंधन में कई स्तरों पर दिक्कत

locationबैंगलोरPublished: May 19, 2020 11:28:42 am

Submitted by:

Nikhil Kumar

अस्पताल शवों को साधारण बैंग या प्लास्टिक कवर में रखने पर मजूबर

dead body

dead body

बेंगलूरु. कोरोना संदिग्ध व्यक्ति या फिर अज्ञात कारणों से मृत व्यक्ति से किसी प्रकार का संक्रमण न फैले इसके लिए शव को जिप लॉक बैगों (zip-lock bag) में सुरक्षित रखा जाता है। शवों को इसी बैग में रख परिजनों को हवाले किया जाता है। कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) मरीज की मृत्यु होने पर भी शव को इन्हीं बैगों में रखा जाता है।

लेकिन प्रदेश के ज्यादातर अस्पतालों के पास यह विशेष बैग उपलब्ध नहीं है। यहां तक कि विक्टोरिया जैसे सरकारी अस्पताल को भी जूझना पड़ रहा है। अस्पताल शवों (Dead Body) को साधारण बैंग या प्लास्टिक कवर में रखने पर मजूबर हो गए हैं।

कई अस्पतालों में कोल्ड स्टोरेज की सुविधा नहीं

प्रदेश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने अपने एक हालिया अधिसूचना में संदिग्ध मरीजों व मृत लाए गए मरीजों को भी कोरोना संक्रमण के लिए जांचने के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट आने तक शव को सुरक्षित रखने के भी निर्देश हैं। शवगृहों में भी ठंडे चैम्बरों की किल्लत है। कई अस्पतालों में कोल्ड स्टोरेज की सुविधा नहीं है। इसलिए आवश्यकता अनुसार अस्पताल सुरक्षात्मक पहलुओं का ध्यान रखते हुए जिप लॉक बैग में शव परिजनों को सौंप सकते हैं। इस अधिसूचना के बाद इन बैगों की मांग और बढ़ गई। कई अस्पतालों ने ऑर्डर दिया है।

साधारण बैग व प्लास्टिक कवर से चल रहा काम

नाम नहीं छापने की शर्त पर एक निजी अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि ज्यादातर अस्पताल साधारण बैगों और प्लास्टिक कवर से काम चला रहे हैं। संदिग्ध कोविड मृतकों के शवों को प्रबंधित करने से ज्यादा ध्यान पॉजिटिव मरीजों के उपचार पर होने के कारण जिप बैगों की जरूरत को नजरअंदाज कर दिया गया या फिर इस ओर किसी का ध्यान ही नहीं गया।

एक प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट घोल का इस्तमाल

बेंगलूरु मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के अंतर्गत संचालित विक्टोरिया अस्पताल के फॉरेन्सिक विभाग के डॉ. सतीश के. वी. ने बताया कि अस्पताल ने 200 जिप बैग्स मंगाए हैं। पहले के सात बैगों का इस्तमाल हो चुका है। इनमें से छह बैग का इस्तमाल कोविड संबंधित शवों के लिए हुआ। उन्होंने बताया कि शव पर पहले सोडियम हाइपोक्लोराइट के घोल (Sodium hypochlorite solution) का छिड़काव किया जाता है। फिर शव को रेक्सिन निर्मित बैग में रख बंद कर दिया जाता है।

ट्रेंडिंग वीडियो