स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने बताया कि आरटी-पीसीआर जांच रैपिड एंटिजन जांच से ज्यादा प्रभावी व भरोसेमंद है। ज्यादा से ज्यादा आरटी-पीसीआर जांच के कारण कोरोना महामारी से निपटने में मदद मिल रही है।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक में कुल 5,93,078 एक्टिव मामले हैं। इनमें से 3,59,565 यानी करीब 60 फीसदी मामले अकेले बेंगलूरु शहर से हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है ज्यादा से ज्यादा आरटी-पीसीआर जांच।
कोरोना की दूसरी लहर के शुरुआत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 70 फीसदी आरटी-पीसीआर जांच करने के निर्देश दिए थे। कर्नाटक में अब तक 2,75,21,028 लोगों की जांच हुई है। इनमें से 2,28,49,506 लोगों की आरटी-पीसीआर जांच की गई है।
उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों के मुकाबले कर्नाटक कोरोना की पहली लहर से निपटने में ज्यादा कामयाब रहा। ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच व कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग सफलता का मूल मंंत्र रहा। लेकिन, डबल म्यूटेंट वायरस व कोविड से जुड़ी पाबंदियों का ठीक से पालन नहीं करने के कारण दूसरी लहर में मामले तेजी से बढ़े हैं। लोग ज्यादा लापरवाह हैं। कर्नाटक पर कोविड के एक्टिव मरीजों का सर्वाधिक बोझ है। इसके बावजूद केस फेटालिटी दर एक फीसदी से कम है। पहली लहर के दौरान ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इस बार 95 फीसदी से ज्यादा लोग होम आइसोलेशन में ही स्वस्थ हो रहे हैं लेकिन, पॉजिटिव होते ही अस्पताल में भर्ती होने की जल्दबाजी के कारण बिस्तरों की कमी की समस्या उत्पन्न हुई। स्थिति अब पहले से बेहतर है।
तिथि – कुल जांच – आरटी-पीसीआर
07 मई – 1,58,902 – 1,48,157
08 मई – 1,57,027 – 1,46,586
09 मई – 1,46,491 – 1,36,663
10 मई – 1,24,110 – 1,17,045
11 मई – 1,16,238 – 1,04,659
12 मई – 1,34,792 – 1,24,232
13 मई – 1,27,668 – 1,17,357