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कर्नाटक : छह दिनों के बाद पकड़ा गया तेंदुआ

locationबैंगलोरPublished: Sep 27, 2021 06:12:07 pm

Submitted by:

Nikhil Kumar

– लोगों ने ली राहत की सांस

Burhanpur: The roar of a caged leopard

Burhanpur: The roar of a caged leopard

हुब्बल्ली. धारवाड़ के पास कवलगेरी गांव में गन्ने के खेत में पिछले छह दिनों से छिपा तेंदुआ आखिरकार रविवार को पिंजरे में कैद हो गया। जिससे वन विभाग व लोगों को बड़ी राहत मिली है। हालांकि, तेंदुए ने किसी इंसान को नुकसान नहीं पहुंचाया। लेकिन, कुछ आवारा कुत्तों और सुअरों का शिकार किया था। इलाके में तेंदुए की मौजूदगी से स्थानीय लोग भयभीत थे इसलिए वन विभाग पर तेंदुए को पकडऩे का दबाव था।

तेंदुआ को पहली बार 15 सितंबर को हुब्बल्ली के नृपतुंगा बेट्टा में देखा गया था। फिर 18 सितंबर को राजनगर स्थित केंद्रीय विद्यालय में और 20 सितंबर को शिराडी नगर में देखा गया। बाद में तेंदुए के कवलगेरी में एक गन्ने के खेत में छिपे होने का शक हुआ।

वन संरक्षक यशपाल ने बताया कि वन विभाग की टीम ने जंगल को घेरने के बाद तेंदुए को फंसाने के लिए दो पिंजरे रखे थे। ट्रेंकुलाइजर गन के साथ 10 कर्मचारियों की टीम शनिवार रात से ही पिंजरों की निगरानी कर रही थी। अखिरकार रविवार सुबह तेंदुआ पिंजरे में बंद मिला। गनीमत रही कि तेंदुआ पिंजरे में खुद घुस गया और उसे बेहोश करने की जरूरत नहीं पड़ी।

चार-पांच साल का नर तेंदुआ
उन्होंने बताया कि पकड़ा गया तेंदुआ एक नर है और उसकी उम्र लगभग चार से पांच वर्ष है। स्वास्थ्य जांच के बाद तेंदुए को वापस जंगल में छोडऩे की योजना है। यशपाल के अनुसार नृपतुंगा बेट्टा में तलाशी अभियान के दौरान अधिकारियों को तेंदुए के पग के निशान और मल मिले, जिससे गांव में तेंदुए की मौजूदगी की पुष्टि हुई। इसके बाद खेत में भी पग मार्क और मल मिला। जांच के लिए मल के नमूने हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी लैब भेजे गए हैं। मंगलवार तक रिपोर्ट मिलने का अनुमान है। रिपोर्ट के आधार पर ही पकड़े गए तेंदुए की पहचान हो सकेगी।

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