कइयों ने गेमिंग के प्रति अपने जुनून को पूर्णकालिक करियर में बदल दिया है। इतना ही नहीं, मोबाइल पर ऑनलाइन गेम खेलने वाले 76 फीसदी लोगों को लगता है कि ऑनलाइन गेम में शामिल होने से उन्हें मजबूत विश्लेषणात्मक कौशल विकसित करने में मदद मिली क्योंकि उन्हें नियमित रूप से गेम जीतने के सर्वोत्तम तरीके का आकलन करना होता है। 57 फीसदी पुरुष और 56 फीसदी महिलाएं इस बात से सहमत हैं।
कर्नाटक में 83 फीसदी गेमर्स अपने मोबाइल फोन पर गेम खलते हैं। 63 फीसदी ऑनलाइन गेमर्स ने सहमति व्यक्त की कि कोई भी ऑनलाइन गेम के माध्यम से ऐसे कई व्यावहारिक, जीवन कौशल सीख सकता है जो वे पूरे दिन कार्यालय में सीख सकते हैं।
ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (एआइजीएफ) के अध्ययन में यह बातें सामने आई हैं। दिलचस्प बात यह है कि गेमर्स ने यह भी खुलासा किया कि वे अपने वास्तविक जीवन के कार्य संबंधों की तुलना में अपने ऑनलाइन गेमिंग टीम के साथियों के प्रति अधिक अनुकूल रवैया प्रदर्शित करते हैं।
गेमिंग को बना रहे कॅरियर
एआइजीएफ (All India Gaming Federation) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोलैंड लैंडर्स ने कहा, ‘जीवन में किसी के विकास के लिए महत्वपूर्ण सोच, रचनात्मक सोच, निर्णय लेने और समस्या-समाधान जैसे विविध कौशल आवश्यक हैं। इस शोध के माध्यम से हमने यह समझने की कोशिश की कि क्या उपभोक्ताओं को वास्तव में मोबाइल गेमिंग के मूल्य का एहसास है। इस अध्ययन ने हमें यह निष्कर्ष निकालने में मदद की है कि गेमिंग सहयोग करने व संलग्न करने का एक तरीका है और यह एक ऐसा क्षेत्र बन रहा है जहां लोग अपना करियर बनाना चाहते हैं।’
क्या कहते हैं गेमर्स
– 56 फीसदी गेमर्स ने कहा कि वे अपने काम के सहयोगियों की तुलना में अपनी गेमिंग टीम के साथियों के साथ ईमानदार होने की अधिक संभावना रखते हैं।
– 33 फीसदी पुरुषों की तुलना में 51 फीसदी महिलाओं का मानना है कि ऑनलाइन गेमर्स के लिए मेमोरी और रिफ्लेक्सेस जैसे शारीरिक और मानसिक कौशल जरूरी हैं।
– 49 फीसदी महिलाओं की तुलना में 67 फीसदी पुरुषों ने माना कि संज्ञानात्मक कौशल जैसे रणनीति, तर्क और जोखिम आदि की समझाए और दृढ़ संकल्प ऑनलाइन गेमर्स के लिए जरूरी है।