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ड्यूटी पर लौटने से कतरा रहे कई शिक्षक

locationबैंगलोरPublished: Jun 15, 2021 09:51:10 pm

Submitted by:

Nikhil Kumar

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बेंगलूरु. कर्नाटक के स्कलों में मंगलवार से दाखिला प्रक्रिया शुरू होगी। शैक्षणिक सत्र एक जुलाई से प्रारंभ होगी। ऐसे में प्रदेश सरकार ने शिक्षकों को मंगलवार से ड्यूटी पर लौटने के निर्देश दिए हैं।

राज्य प्राथमिक स्कूल शिक्षक संघ के महासचिव चंद्रशेखर एन. ने सरकार के इस आदेश का विरोध किया है। राज्य के 11 जिलों में अब भी पूर्ण लॉकडाउन है। सार्वजनिक परिवहन का संचालन ठप है। ऐसे में शिक्षकों के लिए स्कूल पहुंचना संभव नहीं है। बस सेवाएं शुरू होने तक शिक्षकों को ड्यटी पर आने के लिए मजबूर करना सही नहीं है। कोविड से पहले ही कई शिक्षक अपनी जिंदगी गंवा चुके हैं। चंद्रशेखर के अनुसार राज्य के 31 जिलों में गत वर्ष मार्च से 250 से ज्यादा शिक्षकों की कोविड से मौत हुई है। अकेले बेंगलूरु और कलबुर्गी संभागों में 150 शिक्षकों ने जान गंवाई है।

अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने भी प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस. सुरेश कुमार को पत्र लिख कर स्थिति सामान्य होने तक आदेश वापस लेने की मांग की है। सभी शिक्षकों को कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लगने के बाद ही स्कूल शुरू करने की अपील की है। कई स्कूलों में मरम्मत कार्य की जरूरत है। केंद्र सरकार ने छुट्टी की अवधि एक सप्ताह के लिए बढ़ाई है। शिक्षकों के लिए दस्ताने, मास्क और सैनिटाइजर आदि की व्यवस्था सरकार की जिम्मेदारी है। सरकार अगर इनकी व्यवस्था नहीं कर सकती है तो फंड जारी करे।

कई शिक्षकों का कहना है कि वे घर से ही बच्चों को पढ़ा सकते हैं। परिजन तरह-तरह के सदमे से गुजर रहे हैं। कईयों के परिवार में कोविड के मरीज हैं।

उल्लेखनीय है कि ऑफलाइन शिक्षा के अभाव में शिक्षण गतिविधियां प्रभावित नहीं हों इसके लिए राज्य सरकार ने एक रोडमैप तैयार किया है। जिन मामलों में बच्चों के पास स्मार्ट फोन या टेलीविजन आदि नहीं हैं, शिक्षकों को अभिभावकों से बात कर समाधान निकालने की अपील की है। शिक्षकों को ऐसे पड़ोसियों को चिन्हित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है जिनके पास स्मार्ट फोन और टेलीविजन है और जो बच्चों की मदद कर सकें। शिक्षकों के अनुसार यह कार्य सोचने जीतना आसान नहीं है।

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