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आंध्र प्रदेश को 1.75 लाख लीटर दूध

locationबैंगलोरPublished: Apr 07, 2020 08:42:20 pm

Submitted by:

Sanjay Kulkarni

आंध्र प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन के बीच भी कर्नाटक दुग्ध उत्पादक महासंघ (केएमएफ) से प्रति दिन 1 लाख 75 हजार लीटर दूध खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इससे केेएमएफ को थोड़ी राहत मिली है।

आंध्र प्रदेश को 1.75 लाख लीटर दूध

आंध्र प्रदेश को 1.75 लाख लीटर दूध

बेंगलूरु. आंध्र प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन के बीच भी कर्नाटक दुग्ध उत्पादक महासंघ (केएमएफ) से प्रति दिन 1 लाख 75 हजार लीटर दूध खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इससे केेएमएफ को थोड़ी राहत मिली है।लॉकडाउन के कारण दूध की मांग में भारी गिरावट के कारण केएमएफ के पास प्रतिदिन 8 लाख 84 हजार लीटर दूध बच रहा था। इस दूध के विपणन को लेकर समस्या आ रही है। केएमएफ महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल तथा तेलंगाना को भी दूध की आपू्र्ति करता है। लेकिन वहां अभी आपूर्ति ठप है।
केएमएफ के अध्यक्ष बालचंद्र जारकीहोली के अनुसार राज्य में प्रति दिन 69 लाख दूध संग्रहित हो रहा है। लॉकडाउन के कारण प्रति दिन 46 लाख लीटर दूध तथा दही की मांग में गिरावट से केएमएफ परेशान है। लेकिन इस विषम स्थिति में भी दूध का अतिरिक्त संग्रहण होने के बावजूद महासंघ ने केवल किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए इसे यथावत रखने का फैसला किया है।अतिरिक्त दूध से घी, पनीर, मक्खन, मिठाई बनाए जा रहे हैं।
रेशम कोकून मार्केट के सामने रीलर्स का विरोध प्रदर्शन
रामनगर. चन्नपट्टण तहसील के रेशम कोकून मार्केट के सामने मंगलवार को रेशम रीलर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन कर रेशम उत्पादक किसानों के साथ रेशम रीलर्स की समस्याओं का समाधान करने की मांग की।
रामनगर तथा चन्नपट्टण में सैकड़ों रेशम रीलर्स है जिनका कच्चे रेशम की आपूर्ति नहीं होने के कारण कारोबार ठप हो रहा है। इस समस्या का समाधान करने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन के कारण कोकून मार्केट में कारोबार सुबह 10 बजे के बदले 12 बजे शुरू हुआ।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पहुंचे जनता दल-एस के स्थानीय पदाधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के साथ मुलाकात कराने का आश्वासन देने के बाद प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन वापस लिया। कुमारस्वामी ने जब इस मार्केट का दौरा किया तो उन्होंने रेशम उत्पादक किसान तथा रीलर्स से बात तक नहीं की।
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