इसका एक अन्य प्रमुख कारण लंबा सप्ताहांत और विशु उत्सव भी है। प्रतिबंधों के अभाव में, केरल से बड़ी संख्या में लोग त्योहारों के मौसम के दौरान मैसूरु में उमड़ पड़े। 15, 16 और 17 अप्रेल को इस साल सबसे अधिक लोग चिडिय़ाघर पहुंचे। 15 अप्रेल को 15,000, 16 अप्रेल को 18,000 और 17 अप्रेल को 13,000 लोगों ने चिडिय़ाघर का लुत्फ उठाया। चिडिय़ाघर में पूर्व कोविड-19 वर्षों और विशेष रूप से दशहरा उत्सव के दौरान 25,000 आगंतुकों को आकर्षित करने का रिकॉर्ड है।
चिडिय़ाघर के कार्यकारी निदेशक अजीत कुलकर्णी ने बताया कि पर्यटकों की रिकॉर्ड संख्या उत्साहजनक है क्योंकि चिडिय़ाघर पूरी तरह टिकट बिक्री की आय से चलता है। इसके अलावा, यह पर्यटन क्षेत्र के उबरने का संकेत है।
उन्होंने बताया कि केरल और उत्तर भारत से बड़ी संख्या में पर्यटक आए। यहां तक कि करंजी लेक नेचर पार्क में भी अच्छी भीड़ थी। 18 अप्रेल को करीब 6000 पर्यटक चिडिय़ाघर पहुंचे। जानकारों का कहना है कि अंतरराज्यीय यात्रा प्रतिबंध हटने से पर्यटन उद्योग पुनर्जीवित हुआ है। सप्ताहांत और त्योहार के सीजन के दौरान होटलों के तकरीबन सभी कमरे बुक रहे। यह आतिथ्य क्षेत्र के लिए उम्मीद भरी खबर है।