मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Chief Minister Basavaraj Bommai) ने बुधवार को शिवमोग्गा में संवाददाताओं से कहा, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे मौखिक निर्देशों पर कोई काम नहीं करें। यदि कोई मौखिक निर्देश पर कहीं कोई सरकारी काम होता है उसके लिए संबंधित इंजीनियरों और अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। ग्रामीण व स्थानीय निकायों के मामले में पंचायत विकास अधिकारी और तालुक पंचायतों के कार्यकारी अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार होंगे।
लिखित आदेश जरूरी
उन्होंने कहा कि यह निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। अधिकारी कोई भी कार्य शुरू करने से पहले लिखित में आदेश लें। यह निर्देश कार्यों के निष्पादन में एक व्यवस्था लानेे के लिए दिया गया है। उन्हें पता है कि पहले मौखिक निर्देशों पर काम किया जा रहा था। विशेष रूप से ग्रामीण व स्थानीय निकायों में।
पिछले दिनों एक ठेकेदार की आत्महत्या के मामले में यह दावा किया गया कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा के मौखिक आदेश पर बेलगावी जिले में 4 करोड़ रुपए का काम हुआ। ठेकेदार के बिल का भुगतान नहीं हुआ तो कथित तौर पर उसने आत्महत्या कर ली। इस मामले में ईश्वरप्पा को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
समिति करेगी निविदों की प्रक्रिया
मुख्यमंत्री ने कहा कि 50 करोड़ से अधिक मूल्य के प्रत्येक कार्य की निविदा पक्रिया को देखने के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। इसमें एक वित्तीय विशेषज्ञ और एक तकनीकी विशेषज्ञ शामिल होंगे। अनियमितताएं किसी भी कार्य के लागत अनुमान तैयार करने से लेकर निविदा शर्तों को अंतिम रूप देने से शुरू होती हैं। कभी-कभी कुछ चुनिंदा लोगों के हितों को ध्यान में रखकर शर्तें निर्धारित की जाती हैं। लेकिन, अब समिति से मंजूरी प्राप्त किए बिना विभाग निविदा प्रक्रिया के लिए नहीं जा सकते। समिति सत्यापित करेगी कि कार्य की लागत अनुमान निर्धारित दरों के अनुसार तैयार किया गया है या नहीं। आयोग यह भी जांच करेगा कि सार्वजनिक खरीद अधिनियम में कर्नाटक पारदर्शिता अधिनियम के अनुसार शर्तें निर्धारित की गई हैं या नहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निविदा को मंजूरी देने के लिए आयोग के पास 15 दिनों की समय सीमा होगी। यदि आयोग पर समीक्षा के लिए बड़ी संख्या में निविदाओं का बोझ होगा तो एक और समानांतर समिति का गठन किया जा सकता है। सरकार ने पहले ही एक आदेश जारी कर दिया है जो जल्द ही लागू होगा।