श्रीराम सेना के प्रमुख प्रमोद मुत्तालिक ने सोमवार को कहा कि उनका संगठन ध्वनि प्रदूषण पर अदालत (Court on noise pollution) के आदेश का पालन करने और मस्जिदों में लाउडस्पीकरों का उपयोग बंद करवाने की मांग को लेकर कई बार प्रशासन को ज्ञापन दे चुका है। मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। मुत्तालिक ने कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन तेज करने और हर रोज सुबह मंदिरों में भजन बजाने की चेतावनी दी।
नियमों के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शहर के पुलिस आयुक्त कमल पंत (police commissioner kamal pant) ने कहा कि वर्ष 2000 में बने ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियमों के तहत ध्वनि प्रदूषण पर उच्च न्यायालय के निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के लिए सभी पूजा स्थलों को आवश्यक है। पंत ने कहा कि नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई की जाएगी।
विपक्ष ने सरकार को घेरा
उधर, पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) पर इन मुद्दों पर चुप रहने का आरोप लगाया। कुमारस्वामी ने कहा कि अचानक इन मुद्दों को क्यों उठाया जा रहा है और मुख्यमंत्री इस पर मौन हैं।
पिछले डेढ़ महीने में राज्य में शांति और सद्भाव को बिगाडऩे के लिए कई प्रयास किए गए हैं। सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील मुद्दों को उठाने की यह रणनीति भाजपा को भारी पड़ेगी। यह उत्तर प्रदेश नहीं है। भाजपा यहां इन मुद्दों के आधार पर 2023 का चुनाव नहीं जीत सकती।
इस बीच, प्रदेश कांग्रेस (congress) के कार्यकारी अध्यक्ष और विधायक रामलिंग रेड्डी ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी जैसे वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने के उद्देश्य से कुछ संगठन भाजपा सरकार के समर्थन से ऐसे मुद्दों को उठा रहे हैं। रेड्डी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिन और रात के दौरान शोर के स्तर पर दिशानिर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारें वास्तविक समस्याओं को छिपाने के लिए सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इन मुद्दों को उठा रही हैं।
विश्वास में लेकर तलाशें समाधान: ईश्वरप्पा
उधर, ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा (K. S. Eshwarappa) ने कहा कि मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) को विश्वास में लेकर ही छात्रों, मरीजों और बुजुर्गों की समस्या को ध्यान में रखते हुए इसका समाधान तलाशा जा सकता है। ईश्वरप्पा ने कहा कि अक्सर शिकायत रहती है कि सुबह और शाम में लाउडस्पीकरों के प्रयोग से छात्रों को परेशानी होती है। ठाकरे या श्रीराम सेना को मुस्लिम समुदाय को विशेष में लेना चाहिए। ईश्वरप्पा ने मुस्लिम समुदाय के नेताओं से अपील की कि वे मस्जिद के अंदर स्पीकर का उपयोग करें ताकि आसपास के लोगों को परेशानी ना हो।