scriptकर्नाटक : आइएलआइ,वायरल बुखार के बाल मरीज बढ़े | Karnataka : number of kids with ili and viral fever increases | Patrika News

कर्नाटक : आइएलआइ,वायरल बुखार के बाल मरीज बढ़े

locationबैंगलोरPublished: Sep 18, 2021 09:08:55 am

Submitted by:

Nikhil Kumar

– ज्यादातर अस्पतालों के बिस्तर भरे- बेंगलूरु शहरी सहित 12 जिले सर्वाधिक प्रभावित

corona.jpg

बेंगलूरु. कोरोना की संभावित तीसरी लहर (corona third wave) से पहले बड़ी संख्या में बच्चे वायरल बुखार और सांस संबंधी समस्याएं झेल रहे हैं। बच्चों के इलाज के लिए भीड़ लग रही है। कई बच्चों के अभिभावक अपने बीमार बच्चों को भर्ती करने के लिए परेशान हैं। बेंगलूरु शहरी सहित कुल 12 जिले सर्वाधिक प्रभावित हैं।

चिकित्सकों का कहना है कि बीते दो सप्ताह से सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में दिक्कत के कारण अस्पताल पहुंचने और भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या बढ़ी है। हालांकि, मानसून में बच्चों का इस तरह बीमार पडऩा आम बात है। सुबह-शाम ठंड और दोपहर में मौसम गरम होने के कारण भी बच्चे बीमार पड़ रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बल्लारी, कोलार, चिकबल्लापुर और चित्रदुर्ग जिले से सर्वाधिक मामले सामने आ रहे हैं। रायचूर, बीदर, रामनगर, बेलगावी, विजयपुर, कलबुर्गी और बागलकोट जिले में अस्पताल में भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या अधिक है। कई निजी अस्पतालों ने ही बाल मरीजों की संख्या बढऩे की पुष्टि की है।

केसी जनरल सरकारी अस्पताल में बाल विभाग की प्रमुख डॉ. लक्ष्मीपति ने बताया कि करीब सभी बिस्तर भरे हुए हैं। सर्दी, खांसी, बुखार व सांस की तकलीफ के कारण कई बच्चों को भर्ती करना पड़ रहा है। कुछ बच्चे निमोनिया व डेंगू बुखार से भी पीडि़त हैं।

बल्लारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जनार्दन ने बताया कि जिला अस्पताल के बाल विभाग में भी बिस्तर खाली नहीं हैं। ज्यादातर मरीज ग्रामीण क्षेत्रों से हैं। अस्पताल में पहले से मौजूद 30 बिस्तरों के अलावा अलग से 23 बिस्तर लगाए गए हैं। तालुक अस्पतालों का भी यही हाल है। बिस्तर कम और बाल मरीज ज्यादा हैं।

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के अनुसार ज्यादातर जिला अस्पतालों में प्रतिदिन 150-200 बीमार बच्चे परामर्श के लिए पहुंच रहे हैं। 50-60 बच्चों को भर्ती कर उपचार करने की जरूरत पड़ रही है। चिकबल्लापुर जिला अस्पताल में भी 50 बच्चे भर्ती हैं।

स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने बुधवार को ही इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस यानी आइएलआइ और वायरल बुखार के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई थी। उनके अनुसार प्रशासन स्थिति पर पैनी नजर रखे हुए है और सरकारी और निजी अस्पतालों से इनपुट जुटा रहा है। स्वास्थ्य महकमे को जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

मास्क लगाएं व भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बच्चों को बचाएं
मौसम में परिवर्तन होने पर वायरस बढ़ जाते हैं और इनका संक्रमण तेज हो जाता है। कमजोर इम्युनिटी वाले जल्द इनकी चपेट में आकर बीमार हो जाते हैं। बीमार होने पर इलाज में लापरवाही न बरतें। बच्चों को मास्क लगाएं व भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर न जाने दें। गैर आवश्यक यात्रा से बचें। सांस फूलने, बुखार नहीं उतरने व दूध न पीने पर बच्चे को चिकित्सक को दिखाकर इलाज कराएं।

इन बातों का रखें ध्यान
हाथ की सफाई पर विशेष ध्यान दें, बच्चों को धूप में खेलने दें, बारिश में बच्चों को भींगने न दें और गंदे पानी में न जाने दें, बीमार लोगों से बच्चों को दूर रखें, ठंडा पानी, आइसक्रीम, शीतल पेय पदार्थ, सड़क किनारे ठेले पर खुले में बिकने वाले सामानों के सेवन से बच्चों को दूर रखें, फ्रीज में रखी चीजों को तुरंत निकाल कर बच्चों को न दें और बच्चों को पूरी बांह का कपड़ा पहनाएं।
– डॉ. सुनील बी., बाल रोग विशेषज्ञ

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो