गौरतलब है कि 1 जुलाई को कांग्रेस के दो विधायकों- विजयनगर के विधायक आनंद सिंह व गोकाक के विधायक रमेश जारकीहोली ने इस्तीफा दिया था। जारकीहोली को कांग्रेस पहले ही निलंबित कर चुकी थी। इसके बाद सप्ताह भर में कई विधायकों ने इस्तीफा दे दिया जिसके कारण एच डी कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में आ गई थी। विधायकों के इस्तीफे और विश्वासमत प्रस्ताव पर मतदान को लेकर शीर्ष अदालत ने कई बार दिशा-निर्देश दिए और अंतत: कुमारस्वामी सरकार का पतन हो गया। अयोग्य विधायकों को कानूनी लड़ाई के साथ ही सियासी मोर्चे पर भी जूझना पड़ रहा है। पहले इन नेताओं को टिकट देने की वकालत करने वाले मुख्यमंत्री येडियूरप्पा और दूसरे भाजपा नेताओं का रूख भी विवादित ऑडियो क्लिप आने के बाद बदल चुका है। हालांकि, राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि उपचुनाव लडऩे का मौका मिलने पर भाजपा इन्हें टिकट दे सकती है। सीटों के गणित को देखते हुए भाजपा को भी अदालत के फैसले की प्रतीक्षा कर रही है।