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बैंगलोर

कर्नाटक में स्थापित होंगे तीन अक्षय ऊर्जा पार्क

पुलिस विभाग में 25 प्रतिशत पदों पर महिलाओं के लिए आरक्षण को मंजूरीराज्यपाल ने किया संयुक्त अधिवेशन को संबोधित

बैंगलोरFeb 17, 2020 / 09:24 pm

Rajeev Mishra

कर्नाटक में स्थापित होंगे तीन अक्षय ऊर्जा पार्क

कर्नाटक में स्थापित होंगे तीन अक्षय ऊर्जा पार्क

बेंगलूरु.
राज्य सरकार ने कोप्पल, बीदर और गदग में 2500 मेगावाट क्षमता वाले तीन और अल्ट्रा मेगा अक्षय ऊर्जा पार्क स्थापित करने की योजना बनाई है। यहां सोमवार को विधानमंडल के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए राज्यपाल वज्जूभाई वाळा ने कहा कि अक्षय ऊर्जा के उत्पादन में राज्य देश में अग्रणी बना रहेगा। पावगड़ में स्थापित पहली अल्ट्रा सौर ऊर्जा परियोजना चालू है।उन्होंने कहा कि सरकरा का इरादा है एक स्टैंडअलोन और ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा संचालित कृषि पंपों को बढ़ावा देने वाली नीति तैयार करने की है।
राज्यपाल ने कहा कि शहरी विकास राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना को 8 हजार 344 करोड़ के परिव्यय के साथ अनुमोदित किया गया है और 2500 करोड़ रुपए से अधिक लागत के कार्य प्रगति पर हैं। कावेरी जलापूर्ति योजना का पांचवा चरण तेजी से कार्यान्वित किया जा रहा है। इस परियोजना के शुरू होने के बाद बेंगलूरु शहर के लिए अतिरिक्त 775 एमएलडी जलापूर्ति सुनिश्चत होगी।
नीतिगत मुद्दों पर बोले
राज्यपाल ने कहा कि सरकार सरकार ने पुलिस विभाग में 25 प्रतिशत पदों पर महिलाओं के लिए आरक्षण को मंजूरी दी है। बेंगलूरु के लिए विशेष रूप से एक आतंकवाद विरोधी इकाई स्थापित की गई है और आपात स्थिति में नागरिकों को सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र की सहायता से एक आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (इआरएसएस) शुरू की गई है। बेंगलूरु में साइबर अपराध, आर्थिक अपराध और मादक पदार्थों की तस्करी पर रोक के लिए 8 नए पुलिस स्टेशन स्थापित किए गए हैं। प्रथम श्रेणी के 411 सरकारी कॉलेजों में पढऩे वाली 1.70 लाख छात्राओं का शुल्क माफ किया गया है। महिला अधिवक्ताओं के लिए सभी अदालतों में अलग प्रतीक्षालय बनाए जाएंगे।
बाढ़ प्रभावितों को बड़ी सहायता
उन्होंने कहा कि अगस्त 2019 से अक्टूबर 2019 के दौरान राज्य में भारी बारिश और बाढ़ के कारण सार्वजनिक व निजी संपत्तियों और कृषि भूमि में खड़ी फसलों को भारी नुकसान हुआ। केंद्रीय एजेंसियों के साथ-साथ राज्य की मशीनरी ने भी तेजी से कार्यवाही की। सरकार ने घरों के पुनर्निर्माण के लिए प्रत्येक को 5 लाख और गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त घरों को मरम्मत के लिए 3 लाख और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए 50 हजार की वित्तीय सहायता प्रदान की है। यह देश में मकानों की क्षति के लिए स्वीकृत वित्तीय सहायता देश में सबसे अधिक है। सरकार ने अब तक 1 लाख 24 हजार से अधिक क्षतिग्रस्त घरों के लिए 827 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता जारी की है। सरकार ने प्रत्येक प्रभावित परिवारों को एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के तहत 3800 रुपए की सहायता के अलावा कपड़े बर्तन घरेलू सामान के नुकसान के मुआवजे के रूप में प्रत्येक को 6200 रुपए जारी किए हैं। दो लाख 7 हजार परिवारों को 207 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। सरकार ने प्रभावित किसानों को पर्याप्त वित्तीय सहायता और राहत प्रदान करने के उद्देश्य से एसडीआरएफ और एनडीआरएफ मानदंडों के अतिरिक्त प्रति हेक्टेयर 10 हजार रुपए की इनपुट सब्सिडी का भुगतान किया है। अब तक सरकार ने लगभग 6 लाख 38 हजार किसानों को बैंक खातों में सीधे 1126 करोड़ों रुपए के इनपुट सीडी का भुगतान किया है। महत्वपूर्ण संरचना की पुनस्र्थापना, क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पेयजल आपूर्ति कार्यों के निर्माण के लिए 2104 करोड रुपए जारी किए हैं। सरकार सुनिश्चित करेगी कि सभी अधूरे पुनर्निर्माण कार्य जल्दी से जल्दी पूरे हो। सूखे और बाढ़ प्रभावित तालुका में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत एक 100 दिनों के बजाय 150 दिनों का रोजगार प्रदान करके प्रभावित परिवारों के आजीविका का समर्थन किया गया है।

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