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जंगली हाथियों को रोकने के लिए तमिलनाडु मॉडल अपनाएगी कर्नाटक सरकार

locationबैंगलोरPublished: Jul 12, 2021 02:30:44 pm

Submitted by:

Nikhil Kumar

– स्टील के तार की बाड़ लगाने पर विचार

उडुपी. हाथियों और अन्य जंगली जानवरों को खेत में जाने से रोकने के लिए वन विभाग कर्नाटक में जंगल की सीमाओं पर स्टील के तार की बाड़ लगाने पर विचार कर रहा है।

वन मंत्री अरविंद लिंबावली ने रविवार को जिले में ब्रह्मवर और नलकुरु में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के बाद कहा कि तमिलनाडु सरकार हाथियों को रोकने के लिए स्टील के तार की बाड़ों का उपयोग करती है। यह सबसे सुरक्षित और प्रभावी तरीका है।

अन्य उपाय विफल
रेल बाड़ और सौर बाड़ से लेकर जंगल की सीमाओं पर बाड़ लगाकर भी हाथियों को मानव बस्तियों में प्रवेश से रोकने में कामयाबी नहीं मिली है। बाड़ को पार करते समय एक हाथी को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है। इसलिए सरकार ने तमिलनाडु मॉडल अपनाने का निर्णय लिया है। इसके कार्यान्वयन को लेकर बेंगलूरु में जल्द ही वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।

काटे गए एक पेड़ के लिए 10 पौधे लगाना अनिवार्य
मंत्री ने ब्रह्मवर और सीतानादी के बीच सड़क के चार लेन में गिरने वाले पेड़ों की संख्या की भरपाई के लिए वनीकरण कार्यक्रम शुरू किया। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिए काटे जाने वाले प्रत्येक पेड़ के लिए कम-से-कम 10 पौधे लगाए जाएं। उन्होंने जोर देकर कहा कि व्यावसायिक किस्मों को लगाने के बजाय फल देने वाले पेड़ों के पौधे लगाए जाने चाहिएए ताकि पक्षियों और जानवरों को भोजन मिले।

मंत्री ने बताया कि बंदरों के हमले की घटनाओं को रोकने के लिए उन्होंनेे कई विशेषज्ञों से सुझाव मांगे। भूख लगने पर बंदर अपने आवास से बाहर आ जाते हैं। इसलिए, एक ही उपाय है कि बंदरों को उनके आवास में ही भोजन उपलब्ध कराया जाए।

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