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कर्नाटक : फिर से स्कूल लौटे बच्चे, पहले दिन सिर्फ 25 फीसदी उपस्थिति, ज्यादातर निजी स्कूल बंद

locationबैंगलोरPublished: Oct 26, 2021 11:41:42 am

Submitted by:

Nikhil Kumar

– कोरोना महामारी के बाद पहली बार खुले स्कूल

कर्नाटक : फिर से स्कूल लौटे बच्चे

बेंगलूरु. कोरोना महामारी के दस्तक देने के बाद से बंद पड़े स्कूल सामेवार से पहली से पांचवीं कक्षा के लिए भी खुल गए। यह विशेषकर उन अभिभावकों व बच्चों के लिए राहत भरी खबर है जो विभिन्न कारणों से ऑनलाइन कक्षाओं से या तो पूरी तरह से वंचित थे या फिर ठीक से पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे।

जहां सरकारी व अनुदानित स्कूलों के शिक्षकों ने हर्षोल्लास के साथ बच्चों का स्वागत किया वहीं ज्यादातर निजी स्कूल बंद रहे। एसोसिएटेड मैनेजमेंट ऑफ इंग्लिश मीडियम स्कूल्स इन कर्नाटक (केएएमएस) के अनुसार ज्यादातर गैर अनुदानित निजी स्कूल प्रथम या फिर दीपावली की छुट्टी के बाद खुलेंगे। ज्यादातर बड़े स्कूलों ने फिर से स्कूल खोलने का निर्णय अभी नहीं लिया है। स्कूल ऑनलाइन शिक्षा जारी रखेंगे।

प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी. नागेश ने अभिभावकों को बच्चों को स्कूल भेजने की अपील करते हुए कहा कि पहले सप्ताह में आधे दिन ही पढ़ाई होगी। अभिभावक बेझिझक बच्चों को स्कूल भेजें। सभी सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू किया गया है।

मिड-डे मील योजना दो नवंबर से
लोक शिक्षण विभाग के आयुक्त आर. विशाल ने अभिभावकों से बच्चों को स्कूल भेजने की अपील की है। उन्होंने बताया कि मिड-डे मील योजना दो नवंबर से पूरी तरह से शुरू हो जाएगी। स्कूल आने के लिए अभिभावकों से सहमति पत्र लाना आवश्यक है। सरकार ने प्रवेश द्वार पर कोविड के लक्षणों की जांच, कक्षाओं में 50 प्रतिशत छात्रों की उपस्थिति, सैनिटाइजर की व्यवस्था, कम से कम एक मीटर की दूरी, खासतौर से स्कूल में प्रवेश करने और बाहर जाने पर कोई भीड़भाड़ नहीं तथा कक्षाओं में रोगाणुनाशकों का छिड़काव करने जैसे कई नियम बनाए हैं। 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के शिक्षक फेसशील्ड लगाकर पढ़ाएंगे। सरकार द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया के आधार पर सभी सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं।

कई स्कूलों ने छात्रों के स्वागत के लिए परिसर और कक्षाओं को सजाकर विशेष व्यवस्था की थी। पांचवीं कक्षा के एक छात्र ने कहा, ‘मैं स्कूल वापस आकर खुश हूं। दोस्तों और शिक्षकों से मिलने का अवसर मिला। इन सभी दिनों शिक्षकों व ज्यादातर दोस्तों से केवल ऑनलाइन ही मुलाकात हुई थी।’

मल्लेश्वरम उच्च्स विद्यालय के शिक्षक श्रीनिवास ने बताया कि कोविड से जुड़ी पाबंदियों के पालन के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। बच्चों के लौटने से पूरे स्कूल में उत्साह है। सामाजिक दूरी, हैंड सैनिटाइजेशन व मास्क आदि को लेकर कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। थर्मल स्कैनिंग के बाद ही बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिया गया। कक्षाओं में बैठने की विशेष व्यवस्था की गई है। कोविड-19 रोधी टीके की दोनों खुराक ले चुके शिक्षकों और कर्मयों को ही कक्षा में प्रवेश की इजाजत दी गई।

ऑक्सफोर्ड स्कूल, नगरभावी के सचिव सुप्रीत ने बताया कि सोमवार से स्कूल खोलने की योजना थी। लेकिन, अब कक्षाएं आठ नवंबर से लगेंगी। ज्यादातर माता-पिता ने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सहमति पत्र नहीं दिया है। कुछ बच्चों के लिए स्कूल खोलना संभव नहीं है।

एसोसिएटेड मैनेजमेंट ऑफ इंग्लिश मीडियम स्कूल्स इन कर्नाटक (केएएमएस) के महासचिव डी. शशिकुमार ने बताया कि कई स्कूलों ने बाद में कक्षाएं शुरू करने का निर्णय लिया है। लॉजिस्टिक्स की कमी है। कोविड से जुड़ी पाबंदियों के पालन के लिए तैयारी पूरी नहीं हुई है। शिक्षकों की आम राय है कि उनके लिए एक साथ ऑनलाइन व ऑफलाइन कक्षाओं का संचालन संभव नहीं है। कई अभिभावकों ने बच्चों के टीकाकरण के बाद ही स्कूल भेजने की इच्छा जताई है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 44,615 सरकारी प्राथमिक स्कूल और 19,645 अनुदानित निजी स्कल हैं। 50 लाख से ज्यादा बच्चों ने इन स्कूलों में दाखिला लिया है।

पहले दिन 25 फीसदी बच्चे पहुंचे स्कूल

प्रदेश में प्राथमिक स्कूल खुलने के पहले दिन प्रदेश के कुल 62,032 स्कूलों के 52,28,961 बच्चों में से 12,93,089 यानी 24.72 फीसदी बच्चे स्कूल पहुंचे। पहली कक्षा में बच्चों की उपस्थिति सबसे ज्यादा 27.39 फीसदी रही। हालांकि, 62,032 स्कूलों में से 24,761 यानी 39.92 फीसदी स्कूलों ने ही बच्चों की उपस्थिति के आंकड़े उपलब्ध कराए।
पहली कक्षा के 10,24,849 बच्चों में से 2,80,713 यानी 27.39 फीसदी बच्चे स्कूल आए। दूसरी कक्षा के 10,15,870 बच्चों में से 2,50,819 बच्चे, तीसरी कक्षा के 10,56,554 बच्चों में से 2,49,123 बच्चे, चौथी कक्षा के 10,88,330 बच्चों में से 2,62,563 बच्चे जबकि पांचवी कक्षा के 10,43,358 बच्चों में से 2,49,871 बच्चे स्कूल पहुंचे।

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