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कर्नाटक : स्कूल आना अनिवार्य कर सकते हैं निजी स्कूल

locationबैंगलोरPublished: Nov 23, 2021 09:48:02 am

Submitted by:

Nikhil Kumar

– छमाही परीक्षा में खराब प्रदर्शन ने बढ़ाई चिंता

कर्नाटक : स्कूल आना अनिवार्य कर सकते हैं निजी स्कूल

कर्नाटक : स्कूल आना अनिवार्य कर सकते हैं निजी स्कूल

बेंगलूरु. कोरोना महामारी के कारण बंद पड़े स्कूल करीब 18 माह के बाद सभी के लिए खुल गए हैं। हालांकि विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन कक्षा का विकल्प भी खुला है। लेकिन प्रदेश के ज्यादातर निजी स्कूल ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन में असमर्थ हैं। कई स्कूलों ने ऑनलाइन कक्षाएं बंद कर दी हैं। इसके कारण विद्यार्थी स्कूल आने के लिए मजबूर हो गए हैं।

एसोसिएटेड मैनेजमेंट ऑफ इंग्लिश मीडियम स्कूल्स इन कर्नाटक (केएएमएस) के महासचिव डी. शशिकुमार ने बताया कि पहले से ही मानव संसाधन की कमी से जूझ रहे स्कूलों के लिए दोनों मोड में कक्षाओं का आयोजन संभव नहीं है। ज्यादातर स्कूलों ने अभिभावकों को इसकी सूचना दे दी गई है। कई स्कूल संचालकों ने स्पष्ट किया है कि ऑफलाइन कक्षाएं अनिवार्य हैं। ऐसा करने के बाद बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है। ऑनलाइन कक्षा शिक्षा का विकल्प नहीं है। अभिभावकों को भी यह बात समझनी होगी।

कुमार ने बताया कि छमाही परीक्षा में ज्यादातर बच्चों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है। इसके कारण भी स्कूल ऑफलाइन कक्षाओं पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। कई स्कूल ऑनलाइन कक्षा अनिवार्य करने पर विचार कर रहे हैं।

एक स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने बताया कि बीते एक सप्ताह से तीसरी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए ऑफलाइन कक्षाएं ही आयोजित हो रही हैं। छमाही परीक्षा में विद्यार्थियों का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा। कोरोना महामारी के कारण शिक्षा गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। बच्चे ऑनलाइन शिक्षा से उब चुके हैं।

मान्यता प्राप्त गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूल संघ के अध्यक्ष लोकेश टी. ने बताया कि प्रदेश बोर्ड से संबद्ध तकरीबन सभी स्कूल ऑफलाइन कक्षाओं के लिए खुल चुके हैं। हालांकि, केंद्रीय बोर्ड से संबद्ध कई स्कूलों ने अभी तक ऐसा नहीं किया है। लेकिन छमाही परीक्षा के नतीजों से इन स्कूलों की चिंता भी अब बढ़ गई है। खराब नतीजों से चिंतित अब कई अभिभावकों को भी लगने लगा है कि बच्चों को स्कूल भेजना जरूरी है। हालांकि अभिभावकों का एक वर्ग ऐसी भी है जिन्हें बच्चों को स्कूल भेजने के लिए मनाना टेढ़ी खीर साबित हो रही है।

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