कर्नाटक निजी स्कूल प्रबंधन, शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी समन्वय समिति (केपीएमटीसीसी ) ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर यह घोषणा की। केपीएमटीसीसी के संयोजक डी. शशिकुमार ने कहा कि गत वर्ष से कई अभिभावकों ने फीस का भुगतान नहीं किया है। कई ने आंशिक भुगतान किया है। नए नामांकन भी घटे हैं। ऐसे में ज्यादातर स्कूल आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इस वर्ष फीस घटना संभव नहीं है। सरकार ने गत वर्ष ट्यूशन फीस में 30 फीसदी छूट देने के निर्देश दिए थे। कई स्कूलों ने इस निर्देश को न्यायालय में चुनौती दे रखी है।
शशिकुमार ने कहा कि नए दाखिलों में लगभग 20 फीसदी की गिरावट आई है और पिछले वर्ष से 40 फीसदी से अधिक छात्रों का शुल्क बकाया है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने राज्य में लगभग 700 करोड़ के आरटीइ रिफंड को मंजूरी नहीं दी है। इससे संकट और बढ़ गया है।