राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), कर्नाटक के निदेशक रतन केलकर ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। डॉ. प्रभुदेव गौड़ा, डॉ. रजनी, डॉ. सुरेश और डॉ. वसंत भी इस अवसर पर उपस्थित थे। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवा निदेशालय में शिक्षा, सूचना व संचार विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सुरेश शास्त्री ने बताया कि वर्ष २०१५ के मुकाबले वर्ष २०१६ में शिशु मृत्यु दर में कमी के क्षेत्र में देश भर में तीसरा स्थान प्राप्त किया।
शिशु मृत्यु दर १४.३ फीसदी तक गिरावट आई। जबकि वर्ष २०१६-१७ के मुकाबले वर्ष २०१७-१८ में ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) सेवाओं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के मामले में तीसरा व देश में बेहतरीन आइपीडी (इन पेशेंट डिपार्टमेंट) सेवाएं प्रदान करने में दूसरा स्थान प्राप्त किया। डॉ. शास्त्री ने चिकित्सकों, नर्सों सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मियों व कर्मचारियों को इस उपलब्धि का क्षेय दिया।
साधक संयमित जीवन जीएं
बेंगलूरु. हनुमंतनगर जैन स्थानक में साध्वी सुप्रिया ने मंगलवार को धर्मसभा में उत्तराध्ययन सूत्र का विवेचन करते हुए कहा कि समुद्रपाल का जन्म समुद्र यात्रा के समय हुआ। एक बार अपने महल के झरोखे से उन्होंने सैनिकों को एक अपराधी को ले जाते देखा तो उनका मन संवेग से भर गया और उनकी चिंतनधारा से मानस परिवर्तन हुआ कि सद्कर्म अच्छे कर्म का फल अच्छा होता है और बुरे कर्मों का फल बुरा होता है।
साध्वी ने कहा कि समुद्रपाल अपने माता पिता की आज्ञा लेकर दीक्षित होकर साधना करते हुए अपने कर्मों को नष्टकर सिद्ध, बुद्ध और मुक्त बन जाते हैं अर्थात् परम पद मुक्ति मोक्ष मंजिल को प्राप्त कर लेते हैं। यह अध्ययन साधक को राग, द्वेष, मोह, आसक्ति को छोडक़र अनासक्त भाव से संसर में संयमित जीवन जीते हुए आत्मकल्याण का पावन संदेश प्रेरणा प्रदान करता है।
साध्वी सुविधि ने उत्तराध्ययन सूत्र का वाचन किया। साध्वी सुमित्रा ने मंगलपाठ प्रदान किया। सभा में सूरत से रमेश जैन, नरेशभाई, दिनेश जैन संत दर्शनार्थ पधारे। संचालन संघ के उपाध्यक्ष अशोक कुमार गादिया ने किया।