चीन के रेशम पर प्रतिबंध लगाने का केंद्र से अनुरोध
रेशम उत्पादक किसानों ने की बागवानी मंत्री से भेंट
कोरोना के बाद रेशम उत्पादक किसानों पर पड़ा है व्यापक असर

बेंगलूरु.
कोरोना महामारी और सीमा पर चीन के साथ तनातनी के बीच राज्य सरकार ने केंद्र से अनुरोध किया है कि चीनी रेशम के आयात पर प्रतिबंध लगाए और घरेलू रेशम उत्पादकों की मदद करने के लिए उसपर डंपिंग-रोधी शुल्क लगाए।
दरअसल, देश में रेशम का उत्पादन मुख्य रूप से पांच राज्यों कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर में होता है। देश में शहतूत से रेशम का जितना उत्पादन होता है उसका 70 फीसदी केवल राज्य में होता है। नगरपालिका प्रशासन एवं बागवानी मंत्री केसी नारायण गौड़ा ने कहा कि राज्य सरकार ने इस संदर्भ में केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। इससे पहले गौड़ा ने रेशम उत्पादक किसानों से भेंट की थी। किसानों ने शिकायत की थी कि चीन की रेशम डंपिंग का उनपर काफी विपरीत प्रभाव पड़ा है। रेशम उत्पादक किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने सरकार से मांग की थी कि वह चीन की डंपिंग रोकने के लिए अतिरिक्त शुल्क लगाए। गौड़ा ने कहा कि वे इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से भी बात करेंगे। उम्मीद है कि केंद्र इस संदर्भ में आवश्यक कदम उठाएगा और किसानों की चिंता दूर करेगा। यह भारतीय रेशम उद्योग के हित में होगा।
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