बेंगलूरु. राजराजेश्वरी नगर स्थित एक अपार्टमेंट में रविवार सुबह सैंड बोआ (Sand boa ) प्रजाति का एक सांप पकड़ा गया। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद उसे बन्नेरघट्टा नेशनल पार्क को सौंप दिया गया।
वन्यजीव कार्यकर्ता जोसफ हूवर ने बताया कि रेतीली सतहों पर रहने के कारण सैंड बोआ के नाम में सैंड शब्द जुड़ा है। ज्यादातर ये सांप रात में ही निकलता है। मोटे आकार के चलते ये थोड़े सुस्त चाल के होते हैं। खास बात ये है कि रेड सैंड बोआ कभी खुद अपने बिल नहीं बनाता। ये चूहों को उनके बिल में घुसकर खाता है और बिल पर कब्जा जमा लेता है।
मवेशियों के टीकाकरण का अभियान अगले महीने से
बेंगलूरु. मवेशियों के टीकाकरण के लिए अक्टूबर तथा नवंबर में राज्यव्यापी अभियान चलाया जाएगा। कानून एवं संसदीय मामलों के मंत्री जेसी मधुस्वामी ने यह बात कही।
विधान परिषद में शून्यकाल के दौरान गुरुवार को जनता दल-एस के तिप्पेस्वामी के प्रस्ताव का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में गत एक वर्ष से मवेशियों का टीकाकरण नहीं किया गया है। जिसके परिणाम स्वरूप मवेशियों में ‘मुंहपका-खुरपकाÓ की बीमारी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मंड्या जिले में इस बीमारी के कारण 29 मवेशियों की मौत हो गई है। साथ में तुमकूरु, चिकबल्लापुर, कोलार, बेंगलूरु ग्रामीण, रामनगर, हासन, दावणगेरे समेत विभिन्न जिलों में ऐसे मामले उजागर हो रहे हैं। केंद्र सरकार की विशेष राष्ट्रीय योजना के अंतर्गत अभियान के लिए टीके उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इससे पहले दिए गए टीकों की गुणवत्ता ठीक नहीं होने के कारण नष्ट कर दिया गया है। परिणाम स्वरुप अभी टीकों की कमी चल रही है। केंद्र सरकार शीघ्र ही नए टीके उपलब्ध कराएगी। टीके मिलने के पश्चात इस समस्या का समाधान होगा।