स्वास्थ्य विभाग के अनुसार सभी की मौत नौ अगस्त को हुई थी। कोविड से अब तक कुल 40134 मरीजों की मौत हुई है और प्रदेश में कोविड टेस्ट पॉजिटिविटी दर 6.09 फीसदी है।
प्रदेश में बीते एक दिन में कोविड के 1,691 नए मामले सामने आने से कुल संक्रमितों की तादाद 40,26,085 पहुंच गई है। इनमें से 39,75,855 लोगों ने कोरोना वायरस को मात दी है। 1,982 लोग गुरुवार को संक्रमण से उबरे। प्रदेश में अब 10,054 उपचाराधीन मरीज हैं।
1,691 में से 1,225 मरीज अकेले बेंगलूरु शहरी जिले में मिले हैं। शहर में 7,045 सक्रिय मरीज हैं। मैसूरु जिले में 88, बल्लारी जिले में 58, धारवाड़ जिले में 42, बेलगावी जिले में 29, चामराजनगर जिले में 27, मण्ड्या जिले में 24 और शिवमोग्गा जिले में 22 नए मामले सामने आए हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में गत एक दिन में कोविड के 27,725 सैंपल जांचे और 50,950 लोगों का टीकाकरण हुआ।
आरोग्य सौधा में मास्क अनिवार्य
इस बीच, कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने आरोग्य सौधा में आने वाले सभी लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। आयुक्त डी रणदीप ने आदेश जारी किया है कि मागडी रोड स्थित आरोग्य सौधा में हर कर्मचारी तथा वहां आने वाले लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। मास्क नहीं पहनने वालों पर 250 रु जुर्माना किया जाएगा।
बारिश के बाद मच्छर जनित बीमारियों ने बढ़ाई चिंता
बेंगलूरु. कोविड-19 तकनीकी सलाहकार समिति (टीएसी) और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने गुरुवार को बैठक के दौरान मंकीपॉक्स, डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया आदि बीमारियों की रोकथाम व उपचार पर भी चर्चा की।
मंत्री ने कहा कि टीएसी ने स्थिति की समीक्षा की है। अब तक केरल में पांच और दिल्ली में चार पुष्ट मामले सामने आए हैं। कर्नाटक में मंकीपॉक्स का कोई मरीज नहीं मिला है। हालांकि, सीमावर्ती जिलों में निगरानी और आवश्यक सावधानी बरती जा रही है। अस्पतालों को भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री ने कहा कि टीएसी ने डेंगू, मलेरिया, एच1एन1 और चिकनगुनिया जैसी अन्य वेक्टर जनित बीमारियों पर चर्चा की। हाल ही में कर्नाटक में भारी बारिश और बाढ़ के कारण मलेरिया को छोड़कर ऐसे मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है।
मंत्री ने बताया कि मलेरिया के मामले 2021 में 419 से घटकर 2022 में 116 हो गए थे। हालांकि, डेंगू के मामले बढ़ कर 2021 में 1,266 और 2022 में 4,405 हो गए। इसी तरह चिकनगुनिया 454 से बढ़कर 978 हो गया। बेंगलूरु शहरी, मैसूरु, उडुपी, दक्षिण कन्नड़ और हासन में डेंगू के सर्वाधिक मामले मिले हैं।
डॉ. सुधाकर ने कहा कि कर्नाटक में मलेरिया, डेंगू और सार्वजनिक स्वास्थ्य को देखने के लिए भविष्य में टीएसी का विस्तार किया जाएगा। इनमें एंटोमोलॉजिस्ट और माइक्रोबायोलॉजिस्ट को भी शामिल किया जाएगा।