राज्य के 30 जिलों सहित बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के आठ जोन में 18 वर्ष से अधिक उम्र के 16,585 लोगों को सर्वे में शामिल किया गया था। इनमें से 15,624 लोगों के सैंपल की आरटी-पीसीआर (RT-PCR), रैपिड एंटीजन (Rapid antigen test) और कोविड कवच एलिसा एंटीबॉडी जांच की गई। 16.4 फीसदी लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी (Serosurvey has revealed that around 16% of the people in Karnataka have developed antibodies against Covid-19 virus) मिले। मतलब, इतने लोग पहले ही संक्रमित होकर स्वस्थ हो चुके हैं। जांच में मिले आइजीजी (इम्यूनोग्लोबिन-जी) एंटीबॉडी इसकी पुष्टि करते हैं। सर्वे में लोगों को जिला, तालुक और ग्रामीण क्षेत्रों के 290 अस्पतालों के आसपास केंद्रित स्थानों से शामिल किया गया।
स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के सुधाकर ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि दिल्ली (Delhi) में 29.1 फीसदी, मुंबई (Mumbai) के स्लम एरिया में 57 फीसदी और अन्य इलाकों में 16 फीसदी, इंदौर (Indore) में 7.8 फीसदी, पुदुचेरी में 22.7 फीसदी, चेन्नई में 32.3 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी विकसित हुआ यानी इतने लोग कोरोना से प्रभावित हुए थे। हालांकि, राज्य में सर्वे अधिक व्यापक रही और हर पहलू पर ध्यान दिया गया।
महामारी के विभिन्न चरणों से गुजर रहा राज्य
डॉ. सुधाकर ने कहा कि राज्य कोविड महामारी के विभिन्न चरणों से गुजर रहा है, जो अलग-अलग जिलों व क्षेत्रों में भी भिन्न हैं। जिन जिलों और क्षेत्रों में कोविड की व्यापकता कम है वहां मामले बढ़ सकते हैं। रिपोर्ट में सामने आए तथ्यों के अनुसार संक्रमण की प्रवृत्ति समझने और इस पर निगरानी के लिए जिला स्तर पर सेरोलॉजिकल सर्वे की जरूरत है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के मई में किए गए राष्ट्रीय सेरोलॉजिकल सर्वे के पहले चरण में 0.7 फीसदी और दूसरे चरण (अगस्त-सितंबर) में 7.1 फीसदी लोगों में आइजीजी एंटीबॉडी मिले थे। देश में 70 जिलों में दोनों चरण के सर्वे हुए थे।
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
– सर्वे में शामिल इलाकों के 12.7 फीसदी स्वस्थ लोग कोरोना संक्रमित मिले
– अनुमान के अनुसार आरटी-पीसीआर में पॉजिटिव प्रति मामले पर 40 मामले पकड़ से बाहर हैं
-राज्य के 19 जिलों में संक्रमण दर 40 से ज्यादा
– बेंगलूरु के बोमनहल्ली, बीबीएमपी (पूर्व, पश्चिम, दक्षिण) और मैसूरु में संक्रमण दर कम
-संक्रमण फेटालिटी दर (आइएफआर) 0.05 फीसदी रही
-प्रदेश में रिकवरी दर करीब 95 फीसदी और मृत्यु दर 1.35 फीसदी है
– सरकार कोविड से उबरने वाले लोगों के लिए पुनर्वास केंद्र स्थापित करेगी
ये लोग हुए शामिल
जांच के लिए पहुंची गर्भवती महिलाएं, ओपीडी पहुंचने वाले लोग, बच्चों के साथ अस्पताल पहुंचे अभिभावक, बस कंडक्टर, वेंडर, स्वास्थ्यकर्मी, कंटेनमेंट जोन के लोग, विभिन्न बीमारियों से पीडि़त बुजुर्ग, कचरा बीनने वाले, सफाई कर्मी सहित बाजारों, मॉलों, रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर काम करने या पहुंचने वाले लोगों को सर्वे में शामिल किया गया।