मंत्री ने रविवार को कुछ परीक्षा केंद्रों का दौरा किया। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि 8.73 लाख विद्यार्थियों ने एसएसएलसी परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया है। शिक्षा और पुलिस विभाग परीक्षा का सफल आयोजन सुनिश्चित करेगा।
परीक्षा केंद्रों के आसपास निषेधाज्ञा
राज्य भर के परीक्षा केंद्रों और उसके आसपास निषेधाज्ञा लागू है और परीक्षार्थियों के अलावा केंद्रों के आसपास किसी को आने की अनुमति नहीं मिलेगी। कोविड के लक्षण वालों के लिए अलग कमरे की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि सभी को डे्रस कोड का सम्मान करना होगा। निजी सहित दोबारा परीक्षा देने वाले विद्यार्थी बिना यूनिफॉर्म के परीक्षा दे सकेंगे। ध्यान रखना होगा कि धार्मिक संकेतों वाले किसी भी पोशाक उपयोग नहीं हो। इस संबंध में सभी अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं।
मंत्री ने कहा कि हिजाब को लेकर शिक्षकों को धमकाने भरे फोन या मैसेज आने की बात सामने आई हैं। ऐसे मामलों में संबंधित शिक्षक को तुरंत पुलिस को सूचना देनी चाहिए। गृह विभाग उचित कानूनी कार्रवाई करेगा।
बिना किसी डर के परीक्षा दें छात्र: बोम्मई
उधर, हुब्बल्ली में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने रविवार को कहा कि एसएसएलसी (10वीं) के परीक्षार्थियों को बिना किसी डर या झिझक के परीक्षा देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि परीक्षा के सफल आयोजन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। परीक्षार्थियों को चाहिए कि बिना किसी डर या चिंता के परीक्षा लिखें और अपना भविष्य बनाएं। राज्य सरकार ने परीक्षा के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए राज्य में परीक्षा केंद्रों और उसके आसपास निषेधाज्ञा लागू की गइ है।
प्रभावित नहीं हो भविष्य : विपक्ष
शिक्षा मंत्री नागेश पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि परीक्षा में शामिल होने के लिए स्कूलों द्वारा निर्धारित डे्रस कोड अनिवार्य है और हिजाब के लिए कोई जगह नहीं है। शुक्रवार को इसे लेकर शिक्षा विभाग ने परिपत्र भी जारी किया था। हालांकि, विपक्ष के नेता प्रतिपक्ष सिद्धरामय्या ने सरकार से छात्रों के सिर के चारों ओर दुपट्टा पहनने की अनुमति देने पर विचार करने का आग्रह किया है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने माता-पिता के साथ-साथ भाजपा सरकार से अपील की है कि वे छात्रों को उच्च न्यायालय के फैसले के बारे में समझाएं और यह देखें कि उनका कॅरियर प्रभावित न हो।
नियमों का पालन करें परीक्षार्थी
उधर, विधानसभा में विपक्ष के उपनेता और मेंगलूरु से कांग्रेस विधायक यू टी खादर ने विद्यार्थियों से उच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करने और परीक्षा देने की अपील की। खादर ने कहा कि सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को सरकार की ओर से तैयार पोशाक पहनना चाहिए। निजी स्कूलों और स्कूल विकास समितियों की ओर से सुझाए गए पोशाक पहनना चाहिए। किसी को भी कानून का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।