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कर्नाटक : पाठ्य पुस्तक के लिए राज्य बोर्ड के विद्यार्थियों को करना पड़ेगा इंतजार

locationबैंगलोरPublished: Jun 12, 2021 04:47:50 pm

Submitted by:

Nikhil Kumar

– लॉकडाउन के कारण प्रकाशित नहीं हुईं किताबें

बेंगलूरु. राज्य बोर्ड के स्कूल एक जुलाई से ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने वाले हैं। लेकिन, विद्यार्थियों को पुस्तकों के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। पुस्तकें प्रकाशित नहीं हुईं हैं। शिक्षा विभाग अभी तक किताबों की छपाई का टेंडर तक फाइनल नहीं कर पाया है।

लोक शिक्षण विभाग के आयुक्त वी. अंबुकुमार ने बताया कि अगले कुछ दिनों में निविदा को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। पुस्तकें प्रकाशित करने में करीब 100 दिन लगेंगे। जैसे-जैसे पुस्तकें प्रकाशित होंगी, विभाग वितरण शुरू कर देगा। अगस्त के तीसरे सप्ताह से आपूर्ति शुरू होने की उम्मीद है। सितम्बर तक 50 फीसदी छात्रों के पास किताबें उपलब्ध होंगी।

उन्होंने कहा कि पुस्तक के कारण शिक्षण गतिविधियों प्रभावित नहीं होंगी। छात्रों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। पहला महीना ब्रिज कोर्स का होगा। शिक्षक पीछले वर्ष के पाठ दोहराएंगे। पाठ्यपुस्तकों की सॉफ्ट कॉपी उपलब्ध होगी।

आयुक्त ने माना कि कोरोना महामारी व लॉकडाउन के कारण पुस्तक प्रकाशन में करीब 10 दिन की देरी हुई है। टेंडर 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का है। प्रक्रिया लंबी है।

इस बीच राज्य पाठ्यपुस्तक सोसाइटी के प्रबंध निदेशक एम. गौड़ा ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को खत लिखकर गत वर्ष के छात्रों से पुस्तकें लेने का सुझाव दिया है। सोसाइटी हर वर्ष पुस्तकें संग्रहित कर पुस्तकालय में रखती है। इससे कई छात्र लाभान्वित होते हैं। इस वर्ष ग्राम पंचायत पुस्कालयों को इन पुस्तकों की जरूरत है।

पुस्तक वितरण प्रक्रिया व देरी पर शिक्षाविदों ने चिंता जताई है। भारतीय राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ फेला निरंजनाराध्या वी.पी. ने कहा कि हर वर्ष छात्रों को पुस्तकें देर से मिलती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थी पूरी तरह से पाठ्यपुस्तकों पर निर्भर रहते हैं। शिक्षण गतिविधियां प्रभावित होंगी।

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