बैंगलोर

कर्नाटक : निजी मेडिकल व डेंटल कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिए वृत्तिका की मांग

निजी मेडिकल कॉलेजों के विद्यार्थियों का कहना है कि सरकारी कॉलेजों के विद्यार्थियों की तरह उन्होंने भी कोविड महामारी के दौरान सेवाएं दी हैं। कोविड महामारी के कारण कई परिवारों की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है

बैंगलोरNov 25, 2021 / 08:21 am

Nikhil Kumar

medical students

बेंगलूरु. सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कर रहे विद्यार्थियों को प्रतिमाह 30 हजार रुपए की वृत्तिका मिलती है। लेकिन प्रदेश के 52 निजी मेडिकल व 36 डेंटल कॉलेजों के विद्यार्थियों को कोरोना महामारी के दौरान सेवाएं देने के बावजूद वृत्तिका नहीं मिली है।

नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआइ) चिकित्सा शिक्षा विभाग से निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों के एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए वृत्तिका जारी करने संबंधित आदेश जारी करने की अपील की है।

राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेस (आरजीयूएचएस) में एनएसयूआइ के प्रभारी संजय राज के अनुसार कोरोना महामारी के दौरान सभी ने बतौर इंटर्न सेवाएं दी हैं। इन सभी को वृत्तिका मिलनी चाहिए। वैसे निजी कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिए वृत्तिका का प्रावधान नहीं है। लेकिन सरकार चाहे तो नियामक आदेश जारी कर ऐसा कर सकती है।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने कुछ माह पहले वृत्तिका जारी नहीं करने वाले निजी कॉलेज संचालकों को चेताया था। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के दिशा-निर्देशों अनुसार निजी कॉलेजों को सरकारी कॉलेजों की तर्ज पर अपने विद्यार्थियों को वृत्तिका देनी चाहिए।

निजी मेडिकल कॉलेजों के विद्यार्थियों का कहना है कि सरकारी कॉलेजों के विद्यार्थियों की तरह उन्होंने भी कोविड महामारी के दौरान सेवाएं दी हैं। कोविड महामारी के कारण कई परिवारों की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है। सरकारी कॉलेजों की तरह निजी कॉलेजों के विद्यार्थी भी वृत्तिका के हकदार होने चाहिए। सरकार को कदम उठाने की जरूरत है।

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