केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौडा ने कहा कि अभी तक केंद्र सरकार के कोटे में से विभिन्न राज्यों को 52 लाख से अधिक रेमडेसिविर इंजेक्शन की शीशियां वितरित की गई हैं। दवा उत्पादक कंपनियों से भी 10 लाख से अधिक रेमडेसिविर इंजेक्शन की शीशियों का विपणन किया गया है। अमेरिका से 1 लाख 25 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले हैं। विभिन्न राज्यों की मांग के अनुपात में इस इंजेक्शन का पारदर्शिता के साथ वितरण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि चिकित्सकों के परामर्श के बाद ही इस इंजेक्शन का उपयोग करना चाहिए लेकिन लोग इसे खरीदकर भंडारण कर रहे हैं। जिस कारण जिन्हें वास्तव में इसकी आवश्यकता है, उन्हें परेशानियां आ रही हैं। लिहाजा अनावश्यक रूप में इंजेक्शन नहीं खरीदें। इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकारों को निर्देश दिए गए हैं।उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन का पेटेंट अमेरिका के पास है। देश में सिप्ला तथा डॉ रेड्डी लैब समेत 7 कंपनियों के पास इसके उत्पादन का लाइसेंस है। कंपनियों से इंजेक्शन का मासिक उत्पादन 35 लाख से 1 करोड़ 5 लाख तक बढ़ाने को लेकर बातचीत चल रही है।