प्रशिक्षु, स्नातकोत्तर व अंतिम वर्ष के 17,797 सहित नर्सिंग कॉलेजों के 45,470 विद्यार्थियों की सेवाएं ली जाएंगी। डेंटल के 2538, आयुष के 9654 और फार्मेसी के 9936 विद्यार्थी भी अपनी सेवाएं देंगे। मेडिकल संबंधित अन्य कोर्सों में करीब 40 हजार विद्यार्थी भी हैं। मांग के अनुसार इन विद्यार्थियों की ड्यूटी निर्धारित होगी। अंतिम वर्ष के विद्यार्थी हल्के लक्षण वाले मरीजों के उपचार का हिस्सा होंगे।
देश के जानेमाने हार्ट सर्जन डॉ. देवी प्रसाद शेट्टी ने कुछ दिनों पहले ही चिकित्सकों, नर्सों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की कमी को लेकर चिंता व्यक्त की थी। उनके अनुसार बिस्तर, आइसीयू और वेंटिलेटर नहीं बल्कि चिकित्सक व अन्य स्वास्थ्यकर्मी मरीजों का उपचार करते हैं। ऑक्सीजन की किल्लत के बाद स्वास्थ्यकर्मियों की कमी चिंता का विषय है।
केंद्र सरकार ने सोमवार को घोषणा की थी कि एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के विद्यार्थी, बीएससी व जीएनएम (जनरल नर्स मिडवाइफरी) डिग्री धारक नर्सों को कोविड ड्यूटी पर लगाया जा सकता है। न्यूनतम 100 दिनों तक कोविड ड्यूटी करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को नियमित रूप से होने वाली सरकारी भर्तियों में प्राथमिकता दी जाएगी।