कोरोना वैक्सीन अभियान : पड़ सकती है 1.47 लाख लोगों की जरूरत
- स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर के अनुसार प्रदेश में 29,451 टीका केंद्र चिन्हित किए गए हैं। हर केंद्र पर पांच कर्मचारी के हिसाब से कर्नाटक को टीकाकरण के शुरुआती चरण में ही 1,47,225 लोगों की जरूरत पड़ेगी।

बेंगलूरु. कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) अभियान के लिए राज्य को करीब 1.47 वैक्सीनेटर (vaccinator ) व अन्य सहायक कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी। इनमें कानूनी रूप से अधिकृत करीब 29,000 चिकित्सक व अन्य स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं। प्रदेश में फिलहाल करीब 10 हजार प्रशिक्षित वैक्सीनेटर हैं।
कोरोना का टीका कैसे लगाया जाएगा, इसके बारे में केंद्र सरकार (central government) ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हर टीकाकरण केंद्र पर पांच सदस्यीय टीम होनी चाहिए। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर के अनुसार प्रदेश में 29,451 टीका केंद्र चिन्हित किए गए हैं। हर केंद्र पर पांच कर्मचारी के हिसाब से कर्नाटक को टीकाकरण के शुरुआती चरण में ही 1,47,225 लोगों की जरूरत पड़ेगी। हालांकि डॉ. सुधाकर (Dr. K. Sudhakar) ने हर केंद्र पर छह सदस्यीय टीम रखने की बात कही हैं। टीम में दो वैक्सीनेटर, डाटा प्रबंधन के लिए एक सहायक, लॉजिस्टिक्स के लिए एक सहायक के अलावा भीड़ प्रबंधन के लिए दो-तीन लोग होंगे। विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया निर्धारित करने पर काम जारी है।
टीकाकरण की निदेशक डॉ. रजनी नागेश राव ने बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने अब तक अतिरिक्त 500 कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया है जबकि राज्य टीकाकरण कर्मचारियों को केंद्र सरकार ने प्रशिक्षित किया है। जिला, तालुक और मेडिकल कॉलेज के 500 अधिकारियों को भी आवश्यक प्रशिक्षण दिया गया है। ये 500 अधिकारी अब ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को प्रशिक्षित करेंगे।
उन्होंने बताया कि ब्लॉक टास्क फोर्स (block task force) जिनमें तहसीलदार, पंचायत अधिकारी, रोटरी सदस्य और नेशनल कैडेट कॉप्र्स के प्रतिनिधि शामिल हैं, अपने-अपने क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के कर्मचारियों को प्रशिक्षण देंगे।
प्रदेश कोविड-19 तकनीकी सलाहकार समिति के सदस्य डॉ. गिरिधर आर. बाबू ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण व इसके लिए मानव संसाधन जुटाना बड़ी चुनौती होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से ही प्रति पांच हजार की आबादी पर एक कनिष्ठ स्वास्थ्य सहायक है। जो पहले से ही विभिन्न टीकाकरण अभियानों का हिस्सा रहे हैं।
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने बताया कि सार्वभौमिक बाल टीकाकरण अभियानों से मिले अनुभव का फायदा कोरोना वैक्सीन अभियान के दौरान होगा। कर्नाटक ने वर्ष 2017 में खसरा-रुबेला टीकाकरण अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। दो माह में 1.58 करोड़ बच्चों का टीकाकरण हुआ था। इसलिए कोरोना वैक्सीन अभियान को सफल बनाने में राज्य सक्षम है।
हालांकि, वर्षों से विभिन्न टीकाकरण अभियानों का हिस्सा रहे स्वास्थ्य अधिकारियों ने सरकार को हर मोर्च पर सावधानीपूर्वक योजना बनाने की सलाह दी है। इनके अनुसार बाल टीकाकरण कार्यक्रमों में भी नई वैक्सीन को शामिल करने के लिए तीन से चार वर्ष की योजना की जरूरत पड़ती है।
अब पाइए अपने शहर ( Bangalore News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज