प्रदेश कोविड वॉर रूम के प्रमुख मुनीश मौदगिल ने प्रदेश में कोविड नियंत्रण कार्यक्रमों में आरटी-पीसीआर (RT-PCR) जांच पर निर्भरता को बेहद महत्वपूर्ण बताया है। सामाजिक दूरी, मास्क और हाथों की स्वच्छता सहित आरटी-पीसीआर जांच दूसरी लहर से बचने में कारगर है। बीते कुछ माह में ज्यादा से ज्यादा जांच सहित कोविड नियंत्रण अन्य उपायों का लाभ घटते मामले और कम मृत्यु दर के रूप में मिल रहा है। इसे बरकार रखने की जरूरी है।
कोविड तकनीकी सलाहकार समिति के सदस्य व महामारी रोग विज्ञानी डॉ. गिरीधर आर. बाबू ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा आरटी-पीसीआर जांच के लिए केंद्र सरकार ने भी कर्नाटक को सराहा है। अब उपनगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों पर भी ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।
आरटी-पीसीआर के अलावा लगभग सभी राज्य रैपिड एंटीजन जांच (Rapid Antigen Test) कर रहे हैं लेकिन अन्य राज्यों को भी चाहिए कि वे आरटी-पीसीआर को प्राथमिकता दें। रैपिड एंटीजन जांच की रिपोर्ट 30 मिनट में उपलब्ध हो जाती है और लागत भी कम है लेकिन आरटी-पीसीआर के मुकाबले यह कम भरोसेमंद है।