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कस्‍तूरीरंगन और राव बच्‍चों की ऑनलाइन कक्षा के पक्ष में नहीं

locationबैंगलोरPublished: Jun 08, 2020 08:37:49 pm

Submitted by:

Sanjay Kumar Kareer

ऑनलाइन शिक्षा से बच्चों में चंचलता, रचनात्मकता और कई अन्य चीजें कभी नहीं आ सकती

कस्‍तूरीरंगन और राव बच्‍चों की ऑनलाइन कक्षा के पक्ष में नहीं

कस्‍तूरीरंगन और राव बच्‍चों की ऑनलाइन कक्षा के पक्ष में नहीं

कोरोना महामारी के कारण उपजे संकट के कारण स्कूल बंद होने से ऑनलाइन कक्षाओं को लेकर एक बहस चल रही है। कई लोग इसके पक्ष में हैं लेकिन एक बड़ा वर्ग इसके पक्ष में नहीं है। देश की कई मशहूर हस्तियों ने भी इसके खिलाफ मत दिया है। ऐसे लोगों में से एक विशेष नाम मशहूर वैज्ञानिक के. कस्तुरीरंगन भी है। वे ऑनलाइन कक्षाओं के पक्ष में नहीं हैं। उनका कहना है कि प्रत्यक्ष शारीरिक उपस्थित और परस्पर मानसिक जुड़ाव महत्वपूर्ण होता है। इसी के साथ स्कूली बच्चों में चंचलता और रचनात्मकता आती है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 का मसौदा तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष आमने-सामने के संपर्क, बातचीत और विचारों के आदान-प्रदान के पारंपरिक तरीकों पर जोर देते हैं। मशहूर वैज्ञानिक के. कस्तुरीरंगन के अनुसार मूल रूप से बच्चों का शारीरिक और मानसिक संपर्क बेहद जरूरी है। ऑनलाइन शिक्षा से बच्चों में चंचलता, रचनात्मकता और कई अन्य चीजें कभी नहीं आ सकती हैं।
के. कस्तूरीरंगन साल 1994 से 2003 के बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष भी रहे हैं।

डॉ. कस्तूरीरंगन का कहना है कि मस्तिष्क का 86 फीसदी विकास आठ साल की उम्र तक हो जाता है। बच्चों के शुरुआती समय का मूल्यांकन बेहद सतर्कता से होना चाहिए। उनका कहना है कि यदि आपने बातचीत के माध्यम से लगातार मस्तिष्क को उभारने का कार्य नहीं किया तो प्रत्यक्ष रूप से आप अपने नौजवानों के सर्वश्रेष्ठ दिमागी शक्ति और प्रस्तुती से वंचित रहने जा रहे हैं।
मानवीय दखल महत्वपूर्ण

एक अन्य प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रोफेसर सी एन आर राव ने भी बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देने पर असहमति जताई है। प्रोफेसर सी एन आर राव ने बच्चों के दिलो-दिमाग को प्रेरित करने में मानवीय दखल के माध्यम से अच्छी बातचीत को महत्वपूर्ण बताया है। बता दें कि प्रोफेसर को साल 2014 में ‘भारत रत्न’ से नवाजा गया था।
राव ऑनलाइन शिक्षा को लेकर उत्साहित नहीं

जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च के मानद अध्यक्ष का कहना है कि केजी, कक्षा 1 और कक्षा 2 के बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई को खत्म करना चाहिए। मैं ऑनलाइन शिक्षा को लेकर उत्साहित नहीं हूं। हम बच्चों के साथ अच्छे से संपर्क कर सकें, बातचीत कर सकें इसके लिए व्यक्ति से व्यक्ति के संपर्क की आवश्यकता है। इसी तरह से है बच्चों के मन को प्रेरित किया जा सकता है।
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