समस्याओं के बिना जीवन बिल्कुल वैसा ही होता है जैसे विरोधी टीम के बिना कोई मैच। आप विरोधी टीम के बिना खेल का अभ्यास तक नहीं कर सकते हैं। इसी प्रकार समस्याएं जीवन का एक अभिन्न हिस्सा हैं। जब जीवन में समस्याओं का सामना करते हैं, तो सबसे पहले उन्हें स्वीकार करें और उसे उस अवसर के रूप में देखें जो आपकी छिपी ताकतों को सामने लाएगा। अगर आप समस्या को स्वीकार लेते हैं तो इसे हल करने की ताकत का भी पता आप लगा लेंगे।
तैयारी बिल्कुल वैसे ही करें जैसे मैच में किसी विरोधी टीम का सामना करने के लिए करते हैं। खुद को सबसे पहले उन समस्याओं को स्वीकार करने के लिए तैयार करें जो आपके नियंत्रण में नहीं हैं। ऐसी परिस्थितियों को स्वीकार करके, आप खुद को इसे आत्मसमर्पित नहीं कर रहे हैं बल्कि इससे निपटने के लिए रास्ते का निर्माण कर रहे हैं।