जिंदा रहने का असल अंदाज सिखलाया है हमने...
शहर के सेंट जोसेफ सभागार में रोटरी बेंगलूरु जंक्शन के तत्वावधान में रविवार रात आयोजित कवि सम्मेलन खूब जमा

बेंगलूरु. शहर के सेंट जोसेफ सभागार में रोटरी बेंगलूरु जंक्शन के तत्वावधान में रविवार रात आयोजित कवि सम्मेलन खूब जमा। जिस सम्मेलन में डॉ कुमार विश्वास, डॉ राहत इंदौरी और संपत सरल जैसे हस्ताक्षर हों तो तय है कि शृंगार के साथ हास्य की फुहार निश्चय ही आएगी और ऐसा ही हुआ। उनके साथ दिल्ली की कवयित्री रितु गोयल और स्थानीय कवि आदित्य शुक्ला ने श्रोताओं को काव्य रस में भिगों दिया।
एक शाम नारी शक्ति के नाम इस कवि सम्मेलन का आगाज दिल्ली की कवयित्री रितु गोयल ने ‘...सितारे जमीं पर ले आएंगी औरतें...’ से किया और कई रचनाओं से श्रोताओं की खूब दाद पाई। फिर जयपुर के कवि सम्पत सरल ने अपने चिरपरिचित अन्दाज में राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर एक के बाद एक कई व्यंगबाण बरसाए। उन्होंने ‘वे भी क्या दिन थे...’ रचना से जनमानस को अतीत की सरिता में मीठे-मीठे गोते लगवाए। फिर डॉ. राहत इंदौरी ने ‘हम अपनी जान के दुश्मन को अपनी जान कहते हैं, मोहब्बत की इसी मिट्टी को हिन्दुस्तान कहते हैं...’ के साथ ही प्यार-मोहब्बत से जुड़े कई शेर-शायरी सुनाकर अनवरत तालियां बटोरी और सम्मेलन को जमा दिया।
बीच बीच में संचालन करते हुए आदित्य शुक्ला ने भी अपनी रचनाओं पर खूब दाद पाई। आखिर में आज के दौर में युवा दिलों के कवि डॉ. कुमार विश्वास ने जैसे ही माइक संभाला देर तक समागार तालियों से गूंजता रहा। ‘कोई दीवाना कहता कहता है कोई पागल समझता है...’ रचना से युवा दिलों की धडक़न बन चुके कवि डॉ विश्वास ने करीब पौन घण्टे तक देशप्रेम, राजनीति, व्यवस्थाओं पर तीखे और सटीक प्रहार कर श्रोताओं को गुदगुदाया।
उन्होंने अपनी सुरीली आवाज में अपनी रचना ‘जिंदा रहने का असल अंदाज सिखलाया है हमने...’ सुनाकर न केवल अपनी सहज और गंभीर रचनात्मक शैली का परिचय देते हुए श्रोताओं को झाकझोरा बल्कि भारत देश की संस्कृति और शक्ति का अहसास कराते हुए अपनी प्रस्तुति को जब विराम दिया तो श्रोताओं के हृदय को छूने वाली इस रचना पर सभागार लम्बी अवधि तक तालियों से गूंजता रहा।
महाराज अग्रसेन अस्पताल में स्तन कैंसर पीडि़त गरीब महिलाओं को उपचार प्रदान करने को मैमोग्राफी मशीन स्थापना के लिए धनराशि जुटाने के निमित्त आयोजित कवि सम्मेलन का शुभारंभ सतीश महानंदी, बिपिनराम अग्रवाल, विकेश दिवाकरण, क्लब अध्यक्ष संतोष केजरीवाल, रेखा केजरीवाल, नवल सर्राफ, जितेन्द्र अनेजा, विजय सर्राफ, घनश्याम दास अग्रवाल, महेश खेतान, मुरली सर्राफ ने दीप प्रज्वलित कर किया। आयोजन में घनश्याम अग्रवाल, मुरली सर्राफ, महेश खेतान, सुधीर बोथरा, अभय दीक्षित, रविश कामत, उल्लास कामत, रतन कंदोई, मरारीलाल सरावगी आदि का सहयोग रहा।
अब पाइए अपने शहर ( Bangalore News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज