scriptशाम ढल चुकी थी जब नासा का एलआरओ विक्रम के ऊपर से गुजरा | know Why Nasa was unable to spot Vikram lander on Moon | Patrika News

शाम ढल चुकी थी जब नासा का एलआरओ विक्रम के ऊपर से गुजरा

locationबैंगलोरPublished: Sep 27, 2019 06:15:24 pm

this is the reason, Why Nasa was unable to spot Vikram lander on Moon, नासा ने जारी की चांद के दक्षिणी ध्रुव की तस्वीरें जहां हुई थी विक्रम की हार्ड लैंडिंग, -14 अक्टूबर को फिर होगी विक्रम की तस्वीर उतारने की कोशिश

शाम ढल चुकी थी जब नासा का एलआरओ विक्रम के ऊपर से गुजरा

शाम ढल चुकी थी जब नासा का एलआरओ विक्रम के ऊपर से गुजरा

बेंगलूरु. अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के उस हिस्से की हाइ-रिजोल्यूशन तस्वीरें जारी की हैं, जहां चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई थी। हालांकि, इन तस्वीरों में लैंडर नहीं देखा जा सकता है।
नासा ने कहा है कि उसके एलआरओ चंद्र मिशन ने जब चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की तस्वीर ली थी तब वहां शाम साये गहराने लगे थे। धुंधलका होने के कारण लैंडर के लोकेशन का पता नहीं लगाया जा सका। एलआरओ मिशन फिर एक बार 14 अक्टूबर के आसपास चंद्रमा के उसी हिस्से से गुजरेगा, जहां पर विक्रम पड़ा है और तब लैंडर की तस्वीर उतारने की कोशिश होगी।
नासा ने कहा है कि इसमें कोई संदेह नहीं कि चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई थी। लैंडर विक्रम ने भारतीय समयानुसार 7 सितम्बर तड़के 1.38 बजे चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए अपनी यात्रा शुरू की। उसे चंद्रमा के दो क्रेटरों सिपैलियस-एन और मैंजिनस-सी के बीच एक हाइलैंड पर उतरना था। यह लैंडिंग स्थल चंद्रमा के दक्षिणी धु्रव से 6 00 किलोमीटर दूर 70.8 डिग्री दक्षिणी देशांतर और 23.5 डिग्री पूर्वी देशांतर के बीच है।
नासा का चंद्र मिशन एलआरओ जब 17 सितम्बर को विक्रम के लैंडिंग स्थल के ऊपर से गुजरा तो उस इलाके का निरीक्षण किया। लेकिन, एलआरओ टीम विक्रम का पता लगाने अथवा उसकी तस्वीर हासिल करने में सफल नहीं रही। इस दौरान जो तस्वीरें एलआरओ ने उतारी वह चंद्रमा की कक्षा में 150 किमी की दूरी से ली गईं। उस समय दक्षिणी धु्रव पर शाम के साये गहराने लगे थे और अधिकांश क्षेत्र गहरे साये में ढका हुआ था।
नासा ने संभावना जताई है कि लैंडर विक्रम उन्हीं गहरे साये में होगा, जिससे उसकी ना तो तस्वीर मिली और ना ही उसका पता लगाया जा सका। जब अक्टूबर में एलआरओ फिर एक बार उस लैंडिंग स्थल के ऊपर से गुजरेगा, तब वहां प्रकाश रहेगा और विक्रम की तस्वीर उतारने की कोशिश होगी।
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