बैंगलोर

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से पूछा : क्या आप चाहते हैं लोग मरें, कब बढ़ाएंगे ऑक्सीजन का कोटा

चामराजनगर में ऑक्सीजन की कमी से 24 मरीजों की मौत का मामला

बैंगलोरMay 05, 2021 / 02:36 am

Rajeev Mishra

बेंगलूरु. राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों और मौतों के बावजूद राज्य को आवंटित तरल चिकित्सकीय ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाने को लेकर स्पष्ट जवाब नहीं देने को लेकर कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र सरकार की खिंचाई की। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि राज्य को 1792 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरुरत है जबकि केंद्र सरकार ने राज्य का कोटा 802 मीट्रिक टन से बढ़ाकर सिर्फ 865 मीट्रिक टन ही किया है।

मुख्य न्यायाधीश अभय श्रीनिवास ओक और न्यायाधीश अरविंद कुमार की पीठ में मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए अधिवक्ता एमएन कुमार ने अदालत को बताया कि बुधवार को होने वाली बैठक में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने के बारे में निर्णय लिया जाएगा। पीठ ने इस पर कहा कि और कितने लोग मरेंगे? दो दिन बाद आप कोटा बढ़ाएंगे? जहां कम जरुरत है, वहां ज्यादा ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है। क्या इसके लिए कोई तर्क है? हमें बताएं कि कब कोटा बढाएंगे…आप चाहते हैं कि लोग मरें? पीठ ने केंद्र वकील से कहा कि यह अप्रत्याशित है कि आप कोई स्पष्ट बयान नहीं दे रहे। बिस्तर नहीं होने के कारण अस्पताल मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे। अदालत ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह राज्य का ऑक्सीजन कोटा बढ़ाने पर विचार करे और बुधवार को अदालत को सूचित करे। इससे पहले पीठ ने केंद्र व राज्य सरकार के वकीलों से दोपहर में एक घंटे में स्थिति पर पक्ष रखने को कहा था।

न्यायिक जांच का दिया सुझाव
अदालत ने राज्य सरकार को सुझाव दिया कि चामराजनगर में ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित होने से हुई 24 मरीजों की मौत की घटना की न्यायिक जांच उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराए। पीठ ने कहा चामराजनगर में हुई घटना बेहद गंभीर है। उन्होंने महाधिवक्ता से कहा कि हम सुझाव देते हैं कि इस घटना की न्यायिक जांच हाइ कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा होनी चाहिए।
इस पर महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवडगी ने अदालत को सूचित किया कि मामले की तथ्यात्मक जांच के लिए राज्य सरकार ने एक वरिष्ठ आइएएस अधिकारी को नियुक्त किया है, जो चामराजनगर गए हैं। रिपोर्ट बुधवार शाम तक आ जाएगी। जांच रिपोर्ट अदालत में रिकॉर्ड पर रखेंगे। उन्होंने कहा कि अंतत: सच्चाई सामने लाई जाएगी और राज्य सरकार किसी के भी खिलाफ कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगी। उन्होंने अदालत को सूचित किया कि जिलाधिकाराी की रिपोर्ट के मुताबिक अस्पताल ने 300 ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति का अनुरोध किया था। इसी दौरान वकीलों ने अदालत को सूचित किया कि चामराजनगर जैसी घटना कलबुर्गी में हुई है जहां चार मरीजों की मौत हो गई।
इस पर अदालत ने कहा कि ‘क्या यह एक सच नहीं है कि 300 सिलेंडरों की मांग की गई थी और उसकी आपूर्ति नहीं की गई? हम आपको (राज्य) नोटिस दे रहे हैं कि घटना की न्यायिक जांच के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारी की नियुक्ति की जाए?Ó

पत्रों के आधार पर लिया स्वत: संज्ञान
अदालत ने राज्य में कोरोना मरीजों के अपर्याप्त स्वास्थ्य इंतजामों को लेकर मिले पत्रों के आधार पर स्वत: संज्ञान से दायर मामले की सुनवाई कर रही थी। अदालत ने राज्य सरकार को ऑक्सीजन आपूर्ति की व्यवस्था और आपात स्थिति में आपूर्ति की प्रक्रिया में जानकारी देने का भी निर्देश दिया। याचिका पहले बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी। लेकिन, अदालत ने हालात की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार को ही इस पर सुनवाई की। कर्नाटक में हर रोज सबसे ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं।

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