दक्षिण पश्चिम रेलवे (एसडब्लूआर) के अनुसार, यह नहर रेलवे क्रॉसिंग परियोजना जनवरी 2017 में शुरू हुई थी। लेकिन निर्माण स्थल पर हार्ड रॉक और ओवरहेड रनिंग ट्रैक जैसी तकनीकी कठिनाइयों के कारण इसे अगस्त 2018 में रोकना पड़ा। तत्पश्चात, किसानों को पानी उपलब्ध कराने के लिए पाइप की अस्थायी व्यवस्था की गई।
विजयपुर के सांसद रमेश सी.जिगजिणगी और बागलकोट के सांसद पीसी गद्दीगौडर ने इस परियोजना को शुरू करने और इसे जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की ताकि किसानों को फायदा हो। दिसंबर 2019 में परियोजना फिर पूरे जोर शोर से शुरू हुई।
जिस समय परियोजना का कार्य पूरी गति से चल रहा था, उसी समय देशव्यापी COVID 19 महामारी के कारण लॉकडाउन हो गया। ऐसी स्थिति में साइट पर मौजूद कर्मचारियों को सरकार के हाथ धोने और सामाजिक दूरी बनाए रखने जैसे दिशानिर्देशों का पालन करने का परामर्श दिया गया और काम जारी रखने की अनुमति दी गई।
साइट पर काम कर रहे स्टाफ की COVID 19 संबंधित लक्षणों के लिए नियमित रूप से जांच की गई और परामर्श भी दिया गया। उन्हें स्वच्छता के लिए मास्क, हैंडवाश, साबुन, सैनिटाइज़र आदि प्रदान किए गए। इसके अलावा, रेलवे के पर्यवेक्षक और अधिकारी काम जल्दी पूरा कराने के लिए उन्हें प्रेरित करने और मार्गदर्शन के लिए साइट पर मौजूद रहे।
इस तरह, 26 मार्च को बॉक्स पुशिंग का काम पूरा हो गया और 29 मार्च को जमीन मजबूत करने का निर्माण पूरा हो गया। लॉकडाउन के बाद अन्य संबंधित कार्यों के जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है और इसके बाद किसानों को पानी मिलेगा। परियोजना की लागत 24 करोड़ रुपये है।