उन्होंने बुधवार को केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय (Union Ministry of Culture) द्वारा भारतीय संस्कृति की उत्पत्ति और विकास का समग्र अध्ययन करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति पर असहमति जाहिर किया। कुमारस्वामी ने प्रस्तावित समिति में कन्नडिगा और दक्षिण भारतीयों की अनुपस्थिति की ओर इशारा करते हुए कहा कि केंद्र ने पिछले 12000 वर्षों से भारतीय संस्कृति का अध्ययन करने के लिए 16 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि विशेषज्ञ समिति के पास ऐसा कोई भी कन्नडिगा या दक्षिण भारतीय नहीं है जो द्रविड़ संस्कृति को जानता हो।
समिति में किसी भी महिला के लिए जगह नहीं इसके अलावा, समिति में महिला सदस्य को शामिल नहीं करने की आलोचना करते हुए उन्होंने सवाल किया कि हम वे लोग हैं जिन्होंने देश की तुलना हमारी मां और पवित्र गाय से की है। यह कैसे है कि जिस देश में नारी की पूजा होती है, वहां की संस्कृति का अध्ययन करने वाली समिति में किसी भी महिला के लिए जगह नहीं है।
उन्होंने कहा कि अध्ययन समिति के पुनर्गठन की जरूरत है।