कावेरी पर नया बांध बनाना चाहते हैं कुमारस्वामी
कई वर्षों के अंतराल पर अच्छी बारिश से जहां कावेरी नदी उफन रही है वहीं राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी नई बांध बनाने की योजना बना रहे हैं।

बेंगलूरु. कई वर्षों के अंतराल पर अच्छी बारिश से जहां कावेरी नदी उफन रही है वहीं राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी नई बांध बनाने की योजना बना रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे कर्नाटक और तमिलनाडु के किसानों के हितों को ध्यान में रखकर एक बांध निर्मित करवाना चाहते हैं। इसके लिए वे तमिलनाडु के राजनीतिक दलों और किसान संगठनों से मिलेंगे और उन्हें समझाने की कोशिश करेंगे।
उन्होंने कहा कि किसानों की हालत से वे अवगत हैं। इसलिए काबिनी और केआरएस जलाशयों के भरने से पहले और तमिलनाडु के कहे बिना ही पानी छोडऩे का आदेश दे दिए। यह निर्णय बतौर मुख्यमंत्री नहीं बल्कि किसान प्रतिनिधि लिया था। अब वे तमिलनाडु के राजनीतिक दल और किसान संगठनों से मिलना चाहते है। वे उनसे निवेदन करेंगे कि बांध निर्माण की पेशकश को स्वीकार कर उदारता दिखाएं।
तमिलनाडु के लिए पहले ही 8 5 टीएमसी फीट से ज्यादा पानी छोड़ा जा चुका है। जब प्रकृति मेहरबान है तो इसका पूरा फायदा उठाना चाहिए। मेकेदाटु का बांध निचले इलाके में है जिससे राज्य के किसानों को कोई लाभ नहीं होगा। अगर एक और बांधका निर्माण हो तो उससे 2-3 टीएमसी फीट पानी बेंगलूरु में पेयजल समस्या हल करने के काम आएगा साथ ही बिजली उत्पादन में उसका उपयोग हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित बांध से कावेरी नदी का पानी बेकार नहीं होगा और समुद्र में नहीं बहेगा। अगले कुछ ही दिनों में मेट्टूर और भवानी जलाशय भर जाएंगे जिसके बाद अतिरिक्त पानी समुद्र में बहने लगेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कोई नई परियोजना नहीं है बल्कि एक पुरानी परियोजना को ही कांग्रेस-जद-एस गठबंधन सरकार पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही है।
कई समाजसेवियों का सम्मान
बेंगलूरु. वद्र्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ चिकपेट शाखा के तत्वावधान में गोड़वाड़ भवन में श्रमण संघीय उपाध्याय रविन्द्र मुनि, रमणीक मुनि व अन्य संत-साध्वियों के सान्निध्य में आयोजित समारोह में सामाजिक क्षेत्र में उल्लेेखनीय योगदान के लिए समाजसेवियों को विभिन्न अलंकरणों से सम्मानित किया गया।
समारोह में भामाशाह रणजीतमल कानूंगा को ‘समाज सेवा शिरोमणी’, श्रमण सेवा एवं मानव सेवा में समर्पित डॉ. चंचलराज छल्लाणी को ‘श्रमण सेवा शिरोमणी’, श्रमण सेवा में अग्रणी, स्पष्टवक्ता, गुरुभक्त रतनचंद सिंघी को ‘श्रमण सेवा रत्न’, तपस्वी, सेवाभावी उत्तमचंद मुथा व उनकी पत्नी को ‘श्रमण सेवी तपस्वी दम्पत्ति’, समाजसेवी कुमारपाल सिसोदिया को ‘गोड़वाड़ समाज रत्न’, वरिष्ठ स्वाध्यायी महावीरचंद गुलेच्छा को ‘प्रबुद्ध समाज सेवी’ तथा श्रमण सेवी प्रखर वक्ता रमेशचंद खाबिया को ‘संघ गौरव’ सम्मान से अलंकृत किया गया।
उन्हें माला व शॉल ओढ़ाकर प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। प्रारंभ में वद्र्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ चिकपेट शाखा अध्यक्ष ज्ञानचंद बाफना ने समारोह में उपस्थित बेंगलूरू शहर के समस्त संघों के पदाधिकारियों का स्वागत किया। संरक्षक विजयराज लुणिया, कार्याध्यक्ष प्रकाशचंद बम्ब, उपाध्यक्ष सुरेशचंद कात्रेला, धर्मीचंद बिलवाडिय़ा, निर्मलकुमार गुलेच्छा, कोषाध्यक्ष धर्मीचंद कांटेड़, सहमंत्री गौतमचंद मुणोत, युवा अध्यक्ष पवनकुमार धारीवाल, महिला मंडल अध्यक्ष रंजनाबाई गुलेच्छा, सम्पत्तराज धारीवाल आदि उपस्थित थे। संचालन महामंत्री गौतमचंद धारीवाल ने किया।
अब पाइए अपने शहर ( Bangalore News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज