आरक्षण की मांग पूरी होने तक जारी रहेगा संघर्ष
कुरुबा समुदाय की चेतावनी

बेंगलूरु. राज्य के विभिन्न समुदायों की ओर से आरक्षण की मांग को लेकर जारी आंदोलन के बीच कुरुबा समुदाय ने कड़े संघर्ष की चेतावनी दी है। समुदाय के कार्यकर्ताओं ने यहां शुक्रवार को मौर्य सर्कल पर विरोध प्रदर्शन भी किया।इस अवसर पर कुुरुबा संघर्ष समिति के सचिव राजेंद्र सण्णक्की ने कहा कि समुदाय के कुलशास्त्र का अध्ययन कर राज्य सरकार एक रिपोर्ट तैयार करे और उसी आधार पर केंद्र सरकार से कुरुबा को अनूसूचित जन-जाति में शामिल करने की सिफारिश करे।
समुदाय इस मांग को लेकर पिछले 3 दशकों से संघर्ष कर रहा है लेकिन किसी भी सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया है। अब वे इस मांग को लेकर निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे। जब तक मांग पूरी नहीं होती तब तक संघर्ष जारी रहेगा।उन्होंने कहा कि राज्य के 11 लोकसभा तथा 54 विधानसभा क्षेत्रों में कुरुबा समुदाय के मतदाता निर्णायक स्थिति में है। राजनीतिक दल इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते। चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक दलों ने कई वादे किए लेकिन, सब भूल गए। इसलिए सड़कों पर संघर्ष करने की नौबत आई।
समिति के अध्यक्ष शांतप्पा ने कहा कि कुरुबा समुदाय अनूसूचित जनजाति में शामिल होने के लिए निर्धारित सभी मानदंडो पर खरा उतरता है इसलिए किसी को भी आपत्ति नहीं होगी। कुलशास्त्र का अध्ययन करने से समुदाय के इस दावे की पुष्टि हो जाएगी।समिति के पदाधिकारी केएम रामचंद्रप्पा ने कहा कि कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने लगभग 170 करोड़ रुपए खर्च कर वर्ष 2017-18 में राज्य में सभी जातियों की शैक्षणिक तथा सामाजिक स्थिति की समीक्षा की। लेकिन अभी तक किसी भी सरकार ने आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि 2 ए प्रवर्ग के लिए 15 फीसदी आरक्षण निर्धारित है इस सूची में अभी 410 समुदाय शामिल है। ऐसे में 80 लाख से अधिक आबादी वाले पंचमशाली समुदाय को किसी भी हालत में इस प्रवर्ग में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। पंचशाली समुदाय की इस मांग का कुरुबा समुदाय पुरजोर विरोध करेगा।
अब पाइए अपने शहर ( Bangalore News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज