मामला वीवीपुरम के पोब्बती मैटरनिटी अस्पताल का है। कुछ दिन पहले चंद हजार रुपए के बदले फर्जी कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट दिए जाने के मामले का खुलासा स्टिंग ऑपरेशन से हुआ था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच के आदेश दिए थे।
स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्री डॉ. के सुधाकर ने मंगलवार को कहा कि मीडिया के जरिए उन्हें अस्पताल के फॉल्स निगेटिव रिपोर्ट जारी करने की जानकारी मिली। उनके निर्देश पर संयुक्त आयुक्त और स्वास्थ्य अधिकारियों की एक टीम निरीक्षण के लिए अस्पताल पहुंची। फॉल्स निगेटिव रिपोर्ट जारी करने के मामले में संविदा पर कार्यरत लैब तकनीशियन और आशा कार्यकर्ताकी मिलीभगत सामने आई। दोनों के खिलाफ एफआइआर दजहोगी।
उन्होंने कहा कि बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका में खामियों को दूर करने के लिए सख्त कार्रवाई होगी। सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को दोहराया न जाए। अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद इस संबंध में निर्णय लेंगे।
डॉ. सुधाकर ने कहा कि एक चिकित्सक के रूप में इस घटना से वे आहत हुए हैं। अनैतिक तरीकों से पैसा बनाने के लिए चिकित्सा पेशे को बदनाम किया गया। उन्होंने पूरे मामले को गंभीरता से लिया है और भविष्य में इसे दोहराया नहीं जाएगा।