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संसाधन और धन की कमी का सरकारी तर्क, हास्यास्पद

locationबैंगलोरPublished: Jan 14, 2020 07:58:36 pm

Submitted by:

Nikhil Kumar

जन स्वास्थ्य से जुड़े विशेषज्ञों ने इस नीति का विरोध किया है।

ppp model for government hospitals

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बेंगलूरु. प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बुनियादी ढांचे को बेहतर करने और चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रदेश सरकार पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल चाहती है। सरकार के अनुसार संसाधन और फंड की कमी है। इस कारण पीपीपी मॉडल जरूरी है।

हालांकि जन स्वास्थ्य से जुड़े विशेषज्ञों ने इस नीति का विरोध भी किया है। सरकार के संसाधन और फंड की कमी का तर्क इनके गले नहीं उतर रहा है। विशेषज्ञों ने इस तर्क को हास्यास्पद बताया है। इनके अनुसार इसका सबसे ज्यादा असर गरीबों पर पड़ेगा। सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा में निवेश की जरूरत है। रणनीति के तहत काम कर सरकारी अस्पतालों को बेहतर बनाने की आवश्यकता है। पीपीपी मॉडल की नहीं। सरकार अपनी जिम्मेदारियों से पीछा छुड़ा रही है। पीपीपी मॉडल उन देशों में सफल है जहां कम आबादी और पैसे वाले लोग रहते हैं। लेकिन भारत जैसे देश में अब भी करोड़ों लोग बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं से महरूम हैं।

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