भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के स्थापना दिवस पर तीन दिवसीय प्रदर्शनी के समापन पर मैत्री ने कहा कि मौसम विभाग सटीक जानकारियां देने में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल है और पिछले कुछ सालों से लगातार प्रत्येक राज्य को क्षेत्रीय मौसम संबंधी गतिविधियों की गहराई और सटीकता से जानकारियां उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि मौसम संबंधी जानकारियां समय पर मिलने का किसानों को सबसे अधिक फायदा होगा और वे फसलों के बचाव और उत्पादन में इसका उपयोग कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि अन्य विकसित देशों के किसान और नागरिक मौसम संबंधी जानकारी से लगातार अवगत होते रहते हैं और उसी के अनुसार अपनी दिनचर्या और अन्य कार्यों की योजना बनाते हैं, लेकिन भारत में ऐसा नहीं है। यहां किसान और आम नागरिक मौसम संबंधी जानकारियों पर कम ही
ध्यान देते हैं। यही कारण है कि खराब मौसम की स्थिति में गाज गिरने और अति वृष्टि के दौरान लोग ऐसी दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं, जिन्हें टाला जा सकता था।
अलबत्ता मैत्री ने इस बात पर संतोष जताया कि अब हालात बदलना शुरू हो गए हैं और पिछले कुछ सालों से किसानों और आम नागरिक सार्वजनिक समारोहों का आयोजन करने और कृषि कार्यों के लिए मौसम विभाग के मुख्यालय को फोन कर अधिकारियों से मौसम की जानकारी मांगने लगे हैं और उसी के हिसाब से अपने कार्यक्रम तय कर रहे हैंत्र उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी शुरुआत है।
पैलेस मैदान पर मौसम विभाग की तीन दिवसीय प्रदर्शनी में लोगों की आमद पर संतोष जताते हुए उन्होंने कहा कि सभी वर्गों के लोगों ने इसमें अच्छी भागीदारी की और जानकारियां प्राप्त की।