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कर्नाटक : बड़ी संख्या में बच्चे एसएआरआइ और आइएलआइ की चपेट में

locationबैंगलोरPublished: Oct 25, 2021 10:41:42 pm

Submitted by:

Nikhil Kumar

कोरोना की दूसरी लहर के दस्तक देने के बाद से नगर निगम के अधिकारियों ने मई में एसएआरआइ और आइएलआइ के 16,585 मामले दर्ज किए

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– प्रत्येक मृतक को 50 हजार

– छह माह में वयस्कों सहित 35 हजार से ज्यादा मामले
– मरीजों की जानकारी देने में कई निजी अस्पताल पीछे

बेंगलूरु.

कोरोना महामारी के बीच शहर में एक मई से 17 अक्टूबर के बीच गैर कोविड संबंधित इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (एसएआरआइ) इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस यानी आइएलआइ के मामले चिंताजनक रूप से बढ़े हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य गतिविधियाँए निगरानी और ट्रैकिंग (पीएचएएसटी) पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार इस अवधि में 35,255 मामजे दर्ज हुए हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार मरीजों की संख्या इससे भी ज्यादा होने का अनुमान है। कई निजी अस्पताल मामले रिपोर्ट करने में पीछे हैं।

स्वास्थ्य आयुक्त डी. रणदीप ने बताया कि एसएआरआइ और आइएलआइ पीडि़तों की संख्या जानने के लिए बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने मई से निगरानी प्रणाली बढ़ाई थी। कोरोना की दूसरी लहर के दस्तक देने के बाद से नगर निगम के अधिकारियों ने मई में एसएआरआइ और आइएलआइ के 16,585 मामले दर्ज किए। सबसे अधिक संक्रमित 30-45 आयु वर्ग के 5,870 लोग थे। 16,585 में से 9,770 लोग आइएलआइ और 1,457 लोग एसएआरआइ से पीडि़त थे। 5,358 लोग कोविड के संदिग्ध थे।

बीबीएमपी वॉर रूम के एक अधिकारी के अनुसार संदिग्ध लोगों को विभिन्न अस्पतालों में जांच के लिए भेजे गए थे। फिलहाल जानकारी नहीं है कि इनमें से कितने पॉजिटिव निकले।

प्रतिदिन 40-50 मामले
एसएआरआइ और आइएलआइ मरीजों के लिए चिन्हित राजीव गांधी इंस्ट्टयूट ऑफ चेस्ट डिसिजेज के निदेशक डॉ. डी. सी. नागराज ने बताया कि दूसरी लहर के दौरान प्रतिदिन एसएआरआइ और आइएलआइ के 20-30 मामले सामने आ रहे थे। इनमें से 90 फीसदी लोग कोविड पॉजिटिव निकले। वर्तमान में रोजाना 40-50 मामले सामने आ रहे हैं। इनमें से पांच से छह फीसदी मामले कोविड पॉजिटिव निकल रहे हैं।

आंकड़ों के अनुसार जून में गैर-कोविड संक्रमण के 4,958 मरीज मिले थे। अगस्त में इनकी संख्या घटकर 3,957 हो गई थी। लेकिन सितंबर में मामले बढ़कर 4,070 हो गए। 16 अक्टूबर तक 1,744 मामले दर्ज हुए हैं।

सितंबर में सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित हुए। शून्य से 12 वर्ष आयु वर्ग के 1,160 बच्चों में एसएआरआइ और आइएलआइ की पुष्टि हुई। 942 मरीज 18-30 आर्यु वर्ग के थे। अक्टूबर में भी प्रभावित बच्चों की संख्या 547 रही जबकि 398 मरीज 18-30 आयु वर्ग के थे।

डॉ. नागराज ने बताया कि ये युवा आयु वर्ग हैप्पी हाइपोक्सिया के संयोजन और धूल या पराग के अधिक संपर्क के कारण प्रभावित होते हैं।

मानव संसाधन की कमी का हवाला
कई निजी अस्पतालों द्वारा एसएआरआइ और आइएलआइ के मामले रिपोर्ट नहीं करने के सवाल के जवाब में प्राइवेट हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम्स एसोसिएशन (पीएचएएनए) के अध्यक्ष डॉ. एच. एम. प्रसन्ना ने कहा कि मामलों की जानकारी देना अनिवार्य नहीं है। निजी अस्पताल पहले से ही मानव संसाधान की कमी से जूझ रहे हैं। कोविड ने समस्या और बढ़ा दी है। काम का बोझ ज्यादा होने के कारण पीएचएएसटी या अन्य पोर्टल पर अस्पताल मरीजों की जानकारी अपलोड नहीं की पा रहे हैं। हालांकि, स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि गत वर्ष अप्रेल में ही स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों को मरीजों की जानकारी कर्नाटक निजी चिकित्सा प्रतिष्ठान (केपीएमइ) पोर्टल पर अपलोड करने के निर्दश दिए थे।

जानकारी देने के निर्दश
बेंगलूरु शहरी जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जी. ए. श्रीनिवास ने बताया कि बुखार और श्वसन संक्रमण बढ़ रहे हैं। अस्पतालों को अनिवार्य रूप से बुखार पीडि़तों की जानकारी देने के निर्दश दिए गए हैं। बीते 10 दिन में शहर में एसएआरआइ और आइएलआइ के 1419 मामले दर्ज हुए हैं।

आयु वर्ग – मरीज
0-12 : 4,612
12-18 : 1,482
18-30 : 7,979
30-45 : 10,653
45-60 : 6,231
60 से ऊपर : 4,298

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