अधिवक्ता से मिली प्रेरणा
यमुना को सुप्रीम कोर्ट के एक अधिवक्ता से लॉ को कैरियर बनाने की प्रेरणा मिली थी। युमना ने व्यापार और कॉर्पोरेट लॉ, सार्वजनिक कानून, संवैधानिक कानून, संविदा कानून, आपराधिक कानून और संपत्ति कानून आदि विषयों में उत्कृष्टता के साथ बेस्ट आउट गोइंग स्नातक विद्यार्थी का पदक अपने नाम किया। तमिलनाडु कपड़ा उद्योग में प्रचलित शोषक सुमंगली योजना पर यमुना का लेख कैंब्रिज लॉ रिव्यू में प्रकाशित हुआ है।
मानवीय और न्यायसंगत वैश्वीकरण पर जोर
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University ) में कानून और शासन अध्ययन केंद्र की प्रो. नीरजा गोपाल जयल ने अपने दीक्षांत भाषण में कोविड-19 के बाद की दुनिया और चुनौतियों का जिक्र किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि जनरेशन जेड (वर्ष 1996 से वर्ष 2012 के बीच पैदा हुई पीढ़ी) इन चुनौतियों से निपटने में सक्षम होगी। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह वैश्वीकरण की मौत है? क्या यह मृत हो सकता है या इसे होना चाहिए? क्या वैश्वीकरण के नए और बेहतर रूप की कल्पना करना संभव है? राष्ट्रों की आवश्यक निर्भरता की पृष्ठिभूमि में वैश्वीकरण का नया स्वरूप संभव ही नहीं जरूरी भी है। अधिक मानवीय और न्यायसंगत वैश्वीकरण सृजित करने की जरूरत है।
एनएसएलआइयू (National Law School of India University ) के कुलपति प्रो. सुधीर कृष्णस्वामी ने कहा कि नई शिक्षा नीति ने एनएसएलआइयू और इसके जैसे विश्वविद्यालयों के लिए चार अनिवार्यताएं निर्धारित की थीं। जिनमें जीवंत बहुविषयक संस्थानों में एकल-स्ट्रीम विश्वविद्यालयों का विकास, समग्र व्यावसायिक दृष्टिकोण के बजाय संवैधानिक मूल्यों में समग्र और बहुआयामी दृष्टिकोण को जगह, उच्च गुणवत्ता के अनुसंधान में ज्ञान सृजन की जीवंत और खुली संस्कृति का निर्माण और अधिक समावेशीता सुनिश्चित करना शामिल हैं।
576 विद्यार्थियों को डिग्री
समारोह में कुल 576 विद्यार्थियों ने अपनी डिग्री, डिप्लोमा और डॉक्टरेट प्राप्त किए। विभिन्न कोर्सेस के स्नातकों को कुल 48 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।