इसकी अनुमति पालिका ने नहीं दी। इसकी पूरे मामले की जांच होगी। जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। अगर पार्षद लिप्त हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश होगी। इस मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) ने शहर में विज्ञापन लगाने पर प्रतिबंध लगाया है। उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन कर पालिका से किसी भी विज्ञापन को लगाने की अनुमति नहीं दी। इसमें कोई संदेह नहीं कि रिश्वत के लिए अधिकारी कुछ थी कर सकते हैं।
बैठक में भाजपा पार्षद उमेश शेट्टी ने कहा कि साल 2006 के विज्ञापन के नियम-उप नियम को रद्द किया गया है। नए नियम और उप नियम को पालिका की बैठक में तय करना है।
पूर्व उप मुख्यमंत्री (तत्कालीन) डॉ. जी. परमेश्वर ने नए नियम और उप नियम बनाकर विज्ञापन की मंजूरी देने के लिए कहा था, यह कहां तक सही है। इस अवसर पर कांग्रेस के पार्षदों ने परमेश्वर का नाम नहीं लेने का अनुरोध किया। पालिका के नेता प्रतिपक्ष पद्मानाभ रेड्डी ने कहा कि परमेश्वर ने पालिका को पत्र लिखा है और इसका जिक्र करना कोई अपराध नहीं है।
इस पर कांगे्रस और भाजपा सदस्यों केबीच जोरदार नोक-झोंक हुई। महापौर गंगाम्बिका ने कहा कि परमेश्वर ने नए दिशा-निर्देश जारी कर नागरिकों की सुविधा के लिए पारदर्शी रूप से निविदा आमंत्रित करने के लिए पत्र लिखा है।
इसमें कुछ गलत नहीं है। चुनाव आचार संहिता के चलते कोई नए नियम या दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए। इसलिए पुराने नियम और उप नियम जारी हैं। उन्होंने कहा कि एलइडी विज्ञापन हटाने का आदेश दिया गया है।
किसी ने इस तरह के विज्ञापन लगाए तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
‘शैतानों’ के लिए स्काई वाक
बैठक में पार्षद उमेश शेट्टी ने स्काई वाक पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि हेब्बाल के पास श्मशान घाट के निकट स्काई वाक बनाया गया है। इसका इस्तेमाल नहीं हो रहा है।
यह स्काई वाक पालिका ने ‘शैतानों’ के लिए बनाया है। इसी तरह मैसूरु रोड में एक मॉल के सामने भी स्काई वाक निर्मित किया गया है। इसका कोई इस्तेमाल नहीं हो रहा है। जिन जंक्शन पर अधिक भीड़ रहती है और सड़क पार करने का अवसर नहीं होता, वहां स्काई वार्क निर्मित किए जाने चाहिए।