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नहीं बदलेगा गठबंधन सरकार का नेतृत्व : देवगौड़ा

locationबैंगलोरPublished: Apr 29, 2019 10:34:25 pm

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस और जद-एस गठबंधन सरकार के नेतृत्व में परिवर्तन की संभावनाओं को सिरे से खारिज करते हुए जद-एस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एच.डी.देवगौड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री एच.डी.कुमारस्वामी पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करेंगे।

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नहीं बदलेगा गठबंधन सरकार का नेतृत्व : देवगौड़ा

लोकसभा चुनाव परिणाम का असर राज्य सरकार पर नहीं होगा
बेंगलूरु. लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस और जद-एस गठबंधन सरकार के नेतृत्व में परिवर्तन की संभावनाओं को सिरे से खारिज करते हुए जद-एस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एच.डी.देवगौड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री एच.डी.कुमारस्वामी पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करेंगे। उन्होंने पार्टी के विधायकों को गठबंधन सरकार की स्थिरता की चिंता छोडकर अपने-अपने क्षेत्र के विकास पर ध्यान देने कहा।
हाल में मीडिया के एक वर्ग में आम चुनाव के परिणामों के पश्चात गठबंधन सरकार का नेतृत्व सिद्धरामय्या या एच.डी.रेवण्णा को सौंपे जाने के समाचार प्रकाशित हुए थे। इसी पर स्पष्टीकरण देते हुए देवगौड़ा ने पार्टी विधायकों को कहा कि गठबंधन सरकार के नेतृत्व परिवर्तन की कोई संभावना नहीं है।
देर रात तक चली बैठक

जद-एस पार्टी विधायकों की रविवार देर रात तक चली बैठक में देवगौड़ा ने मीडिया पर बरसते हुए कहा कि मीडिया के कारण ही कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की अस्थिरता को लेकर बेबुनियाद खबरे फैल रही हैं। बैठक में देवगौड़ा ने कहा कि किसी भी हालत में आम चुनाव के बाद भाजपा सत्ता में नहीं लौट सकती। केंद्र सरकार में कौन सी सरकार आएगी इस बारे में भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। केंद्र में चाहे जो परिवर्तन हो लेकिन इसका राज्य की सरकार पर कोई असर नहीं होगा।
सरकार को अस्थिर करने का हरसंभव प्रयास

उन्होंने कहा कि जबसे राज्य में गठबंधन सरकार अस्तित्व में आई है तबसे प्रदेश भाजपा के नेता इस सरकार को अस्थिर करने का हरसंभव प्रयास कर रहें है। सरकार गिराने के लिए कांग्रेस तथा जनता दल के विधायकों को प्रलोभन दिए जा रहे हैं। इसके बावजूद दोनों दलों के विधायकों ने ऐसे प्रलोभनों को ठुकराया है इसलिए दोनों दलों के विधायक बधाई के पात्र है। गठबंधन सरकार को बचाने के लिए दोनों दलों के विधायकों को एकजुट होकर भाजपा के सरकार गिराने के प्रयासों को विफल करना होगा। इसके बावजूद अगर कोई विधायक ऑपरेशन कमल की चपेट में आता है तो उसका राजनीतिक भविष्य ही खत्म होगा। इस बात को हमें ध्यान में रखना होगा।

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