इससे पहले राजस्व मंत्री आर अशोक ने कहा कि कर्नाटक भू सुधार कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी किया जाएगा।इसके बाद सिद्धरामय्या ने इस मामले में विचार विमर्श के लिए आपात बैठक बुलाई।हाल में संपन्न मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूर प्रस्ताव के तहत कर्नाटक भू सूधार कानून 1964 की धारा 79 ए तथा 79 बी को निरस्त किया जाएगा। इस प्रस्तावित संशोधन के कारण अब जो लोग किसान नहीं है ऐसे लोग भी कृषि भूमि खरीद सकेंगे।इससे पहले इस कानून की धारा 79 ए तथा बी के तहत कर्नाटक में कृषि भूमि केवल दूसरा किसान ही खरीद सकता था। अब इस शर्त को हटाया जा रहा है।जिसके परिणाम स्वरूप अब राज्य में रियल एस्टेट कारोबारी, उद्यमी, संपन्न व्यक्ति आसानी से कृषि भूमि खरीद सकते है।
इससे पहले कृषि भूमि खरीदने के बाद इस कृषि भूमि को निर्धारित शुल्क का भुगतान कर इस भूमि को गैर कृषि गतिविधियों के लिए उपयोग किया जा सकता है। इस संशोधन के कारण राज्य सरकार को करोड़ों का राजस्व प्राप्त हो सकता है। कृषि भूमि को गैर कृषि भूमि में परिवर्तित करने का अधिकार स्थानीय जिला उपायुक्त को दिया जा रहा है।
राजस्व मंत्री आर अशोक ने इस संशोधन का समर्थन करते हुए कहा है कि अब शुष्क तथा गैर उपजाउ भूमि बेचने की छूट मिलने के कारण किसानों को राहत मिलेगी।विधान परिषद सदस्य कांग्रेस के नेता केसी कोंडय्या ने भी इस बहुप्रतिक्षित संशोधन का स्वागत करते हुए कहा की इस संशोधन के कारण से अब राज्य के विभिन्न जिलों मे स्थित गैर सिंचित शुष्क भूमि का उपयोग संभव होगा।इससे औद्योगिक तथा आवास निर्माण क्षेत्र के लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध होगी।
हालांकी कर्नाटक राज्य किसान संघ राज्य सरकार की इस मंशा से खूश नहीं है।किसान संघ के अध्यक्ष कोडीहल्ली चंद्रशेखर ने इस संशोधन को आत्मघाती करार दिया है।उनके अनूसार इस प्रस्तावित संशोधन के कारण अब कई विषम स्थितियों के साथ जूझ रहें सैकड़ों किसान एक मुश्त राशि मिलने की आंस में कृषि भूमि बेचने के लिए तैयार होंगे इस कारण राज्य के छोटे किसान भूमिहीन होने की संभावना है साथ में इसका असर खाद्यान्न के उत्पादन पर भी हो सकता है।