टीकाकरण की मंथर गति पर सिद्धरामय्या नाराज
बैंगलोरPublished: May 12, 2021 05:20:53 am
दो माह में टीकाकरण पूरा करने की मांग
टीकाकरण की मंथर गति पर सिद्धरामय्या नाराज
बेंगलूरु. सरकार को राज्य के लिए मांग के अनुपात में टीके के आपूर्ति सुनिश्चित कर सभी का टीकाकरण सुनिश्चित करना चाहिए। राज्य में अभी जिस गति से टीकाकरण किया जा रहा है यह पर्याप्त नहीं है। टीकाकरण में देरी के चलते हालत बदतर होने की आशंका है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सिद्धरामय्या ने यह बात कही।
मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि विशेषज्ञों ने कोरोना महामारी की तीसरी लहर आने की संभावना व्यक्त कर दी है। ऐसे में राज्य सरकार को अब टीकाकरण अभियान पर विशेष ध्यान देना होगा। टीकों के लिए केवल केंद्र सरकार पर ही निर्भर नहीं रह कर निजी क्षेत्र से टीके खरीदने चाहिए।
राज्य में 18 से 44 उम्र के लोगों की आबादी 4 करोड़ 37 लाख 80 हजार 330 है। अभी तक राज्य सरकार की ओर से इस श्रेणी के 17 लाख 77 हजार 751 जनों को वैक्सीन के दो डोज दिए गए हंै। मतलब केवल 4.06 फीसदी टीकाकरण हुआ है, जो लक्ष्य से कोसों दूर है। अधिक टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए तेजी से टीके खरीदने चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य के 6 लाख 85 हजार 327 हेल्थ केयर कर्मचारियों को पहला डोज दिया गया और अब उन्हें दूसरे डोज का इंतजार है। 4 लाख 40 हजार 302 फ्रंट लाइन कर्मचारियों को को पहला डोज दिया गया लेकिन दूसरा डोज केवल 1 लाख 67 हजार 581 को मिला है। लगभग ढाई लाख से अधिक फ्रंट लाइन कर्मचारियों को दूसरे डोज का इंतजार है।
सिद्धरामय्या ने कहा कि 60 से अधिक उम्र के 8 लाख 41 हजार 056 लोगों को वैक्सीन का पहला डोज मिला है। इस श्रेणी में भी हजारों लोगों को दूसरा डोज नहीं मिल सका है। चिकित्साविदों के मुताबिक दूसरा डोज सही समय पर नहीं मिलने से पहला डोज भी अप्रभावी हो जाता है। लिहाजा राज्य सरकार को निर्धारित समय पर दूसरे डोज देने की व्यवस्था करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भी टीके वितरण में राजनीति कर रही है। गुजरात तथा उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों की तुलना में कर्नाटक को मांग के अनुपात में टीके नहीं मिल रहे है। टीके के मूल्य निर्धारण को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं होने के कारण केंद्र तथा राज्य सरकार कार्पोरेट क्षेत्र के दलालों की तरह कार्य कर रही है। जिसका फायदा उठाकर वैक्सीन के कारोबार के आड़ में करोड़ों रुपए लूटे जा रहे हैं।