रविवार को उन्होंने ट्विटर पर कहा कि इस बिमारी से मरनेवालों का सम्मान पुर्वक अंतिम संस्कार भी संभव नहीं हो रहा है। राज्य में इस बिमारी से मरनेवालों की संख्या 2 हजार 412 तक पहुंचने के बाद भी राज्य सरकार इस मामले को लेकर आवाज उठा रहें विपक्ष के दमन का प्रयास कर रही है।जब विपक्ष दस्तावेजों के साथ राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाता है तो सरकार से प्राप्त दस्तावेजों को ही झुठा करार दिया जा रहा है।
विपक्ष के आरोपों का सीधा जवाब देने के बदले विपक्ष के नेताओं को कानूनी नोटिस भेज कर चुप्प करने का हास्यास्पद प्रयास किया जा रहा है। विपक्ष सुरक्षा उपकरणों में दो हजार करोड़ रुपए के घपले की उच्च न्यायालय के पीठासीन न्यायाधीश से जांच की मांग करता है तो झूठे आरोपों की न्यायिक जांच करने की आवश्यकता ही नहीं होने का अतार्किक जबाव दिया जा रहा है। इससे स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार के पास विपक्ष के आरोपों का कोई जवाब नहीं है।